श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में “जेंडर सेंसिटाइजेशन : समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण” विषयक संगोष्ठी का सफल आयोजन

Aug 26, 2025 - 09:30
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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में “जेंडर सेंसिटाइजेशन : समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण” विषयक संगोष्ठी का सफल आयोजन
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में “जेंडर सेंसिटाइजेशन : समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण” विषयक संगोष्ठी का सफल आयोजन

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में “जेंडर सेंसिटाइजेशन : समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण” विषयक संगोष्ठी का सफल आयोजन

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ऋषिकेश : श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में “जेंडर सेंसिटाइजेशन: समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण” विषय पर पी.टी. एल.एम.एस. परिसर, ऋषिकेश के शिक्षा विभाग के सहयोग से श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के फ़ैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी का भव्य एवं सफल उद्घाटन आज दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

संगोष्ठी का उद्धाटन

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “जेंडर समानता केवल संवैधानिक अधिकार नहीं, बल्कि यह एक प्रगतिशील समाज के निर्माण की आधारशिला है। शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे शिक्षण संस्थान ऐसे स्थान बनें जहाँ हर विद्यार्थी को, चाहे उसका लिंग या सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, सम्मान और समान अवसर मिले।”

उन्होंने शिक्षण, शोध एवं परिसर संस्कृति में समावेशिता को बढ़ावा देने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने फ़ैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक प्रो. अनीता तोमर और आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की।

फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की भूमिका

फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर की निदेशक एवं गणित विभागाध्यक्ष प्रो. अनीता तोमर ने स्वागत भाषण में कहा कि हम ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ शिक्षा केवल ज्ञान हस्तांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का माध्यम है। “जेंडर सेंसिटाइजेशन समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षकों को जागरूक करना और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

मुख्य वक्ताओं के विचार

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. अमूल्य कुमार आचार्य (फकीर मोहन विश्वविद्यालय, बालासोर, ओडिशा) और डॉ. रामेन्द्र कुमार पाढ़ी (केंद्रीय विश्वविद्यालय, ओडिशा, कोरापुट) रहे। उन्होंने जेंडर समानता, शैक्षणिक संस्थानों में लैंगिक संवेदनशीलता पर विचार साझा किए। उनके अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार समावेशी और समान अवसर वाले शिक्षण वातावरण का निर्माण आज की आवश्यकता है।

संस्थान में जागरूकता बढ़ाना

कोर्स समन्वयक डॉ. अटल बिहारी त्रिपाठी ने कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षकों और शोधार्थियों को जागरूक करने का प्रयास है ताकि वे अपनी कक्षाओं में समावेशी वातावरण का निर्माण कर सकें। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए डॉ. त्रिपाठी ने सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

समापन और भविष्य की दिशा

इस संगोष्ठी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में लैंगिक संवेदनशीलता और समान अवसर के मुद्दों पर महत्वपूर्ण संवाद को प्रेरित किया। इसे देखकर यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा का स्तर और संकाय का दृष्टिकोण समाज में परिवर्तन लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस आयोजन में शिक्षकों, शोधार्थियों और प्रतिभागियों के बीच उत्साह और जिज्ञासा देखने को मिली। यह संगोष्ठी एक नए प्रस्थान बिंदु के रूप में कार्य करेगी, जहाँ आगे चलकर संस्थान में जेंडर सेंसिटाइजेशन पर और भी कार्य किए जा सकेंगे।

अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें.

Keywords:

Gender Sensitization, Gender Equality, Inclusive Education, Educational Environment, Faculty Development Center, Uttarakhand University, Gender Issues, NEP 2020, Social Change, Educational Workshops

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