उत्तराखंड में प्रकृति का कहर, बादल फटने से बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 लोग लापता

Aug 6, 2025 - 00:30
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उत्तराखंड में प्रकृति का कहर, बादल फटने से बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 लोग लापता
उत्तराखंड में प्रकृति का कहर, बादल फटने से बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 लोग लापता

उत्तराखंड में प्रकृति का कहर, बादल फटने से बह गया पूरा गांव, 4 की मौत, 50 लोग लापता

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उत्तराखंड के धराली में मंगलवार दोपहर प्रकृति ने कहर बरपाया, जब बादल फटने से खीर गंगा गांव मात्र 34 सेकंड में मलबे और सैलाब की चपेट में आकर पूरी तरह बह गया। इस त्रासदी ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचाया है। घटना के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें पहाड़ी से बेकाबू बारिश का पानी और मलबा गांव की ओर दौड़ते हुए देखा जा सकता है, जिसने सब कुछ तबाह कर दिया। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्या ने बताया कि अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

भारी बारिश के कारण हुई तबाही

धराली गांव देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से मात्र 18 किमी दूर स्थित है, जहां पिछले दो दिनों से भारी बारिश का सिलसिला जारी था। भारी बारिश के कारण गांव के लोग दहशत में थे। पानी के सैलाब ने गांव के अधिकांश हिस्से को तबाह कर दिया। यहां तक कि कई होटलों और दुकानों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे धराली बाजार पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। होटल और दुकानें मलबे के ढेर में तब्दील हो गईं।

रेस्क्यू ऑपरेशन का आगाज

आपदा की इस घड़ी में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF, NDRF और सेना की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। बचाव कार्य में जुटी ये टीमें मलबे में दबे लोगों को निकालने और राहत कार्य में तेजी से जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखने की बात कही है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवारों को बल्कि पूरे उत्तराखंड को सदमे में डाल दिया है।

आगे की चुनौतियां

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं climate change के कारण बढ़ रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर से हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कैसे करना चाहिए। विकास के नाम पर अगर हम पर्यावरण को नजरअंदाज करेंगे, तो परिणाम भयंकर होंगे।

समापन

धराली की इस त्रासदी ने हमें याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी को हमें हमेशा गंभीरता से लेना चाहिए। हमें अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा की भी चिंता करनी चाहिए। इस समय, हमें एकजुट होकर प्रभावित लोगों की मदद करनी चाहिए। इस स्थिति से निपटने के लिए सभी स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता है।

आप सभी से निवेदन है कि आप अपनी संवेदनाएं व्यक्त करें और इस समय में जरूरतमंद लोगों के लिए मदद का हाथ बढ़ाएं।

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