सहकारिता में व्यावसायिक नवाचारों को किया जायेगा प्रोत्साहित: डॉ धन सिंह रावत

Jul 25, 2025 - 18:30
 110  501.8k
सहकारिता में व्यावसायिक नवाचारों को किया जायेगा प्रोत्साहित: डॉ धन सिंह रावत
सहकारिता में व्यावसायिक नवाचारों को किया जायेगा प्रोत्साहित: डॉ धन सिंह रावत

सहकारिता में व्यावसायिक नवाचारों को किया जायेगा प्रोत्साहित: डॉ धन सिंह रावत

देहरादून – सूबे के सहकारिता के क्षेत्र को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए व्यावसायिक नवाचारों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके अलावा सहकारी बैंकों में 10 लाख नए खाते खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, साथ ही अधिकारियों को माइक्रो एटीएम के वितरण की गति में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। माह अगस्त से प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्थाओं की निरंतर समीक्षा की जायेगी ताकि सहकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिल सके।

समीक्षा बैठक की महत्वपूर्ण बातें

सूबे के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सहकारिता क्षेत्र को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए व्यावसायिक नवाचारों को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए। डॉ रावत ने कहा कि नये बिजनेस प्लान तैयार कर व्यावसायिक नवाचारों से सहकारी संस्थाओं में नए और आधुनिक तरीकों को अपनाया जायेगा। इससे सहकारी संस्थाएँ अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगी और अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सकेगा।

नए खाते खोलने का लक्ष्य

बैठक में डॉ रावत ने सहकारी बैंकों में 10 लाख नए खाते खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने बताया कि इस कदम से वित्तीय सेवाओं की पहुँच को अंतिम छोर तक पहुँचाना संभव होगा। इसके साथ ही माइक्रो एटीएम के वितरण की गति को भी तेज करने पर जोर दिया गया है। जिससे आम जन तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुँच सके।

प्रगति की समीक्षा और अधिकारियों के निर्देश

समीक्षा बैठक के दौरान डॉ रावत ने पैक्स (PACS) कंप्यूटराइजेशन की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित सहकारी योजनाओं में उत्तराखंड की प्रगति की अपेक्षा उन्होंने सभी खामियों की पहचान कर शीघ्र दूर करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न सहकारी संस्थाओं की अगस्त माह से लगातार समीक्षा करने का भी निर्णय लिया।

सहकारिता का महत्व

डॉ रावत ने कहा कि सहकारिता का सशक्तिकरण ही ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की कुंजी है। इसके लिए सभी अधिकारियों को योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने की आवश्यकता है। सहकारी संस्थाएँ व्यावसायिक नवाचारों और नए व्यवसायिक दृष्टिकोण को अपना कर न केवल अपने कार्य को सरल बना सकती हैं, बल्कि समाज को भी अधिक संजीवनी दे सकती हैं।

बैठक में उपस्थिति

समीक्षा बैठक में अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला त्रिपाठी, उप निबंधक रमिंद्री मंदरवाल, सहायक निबंधक मुख्यालय राजेश चौहान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने बैठक में दिए गए निर्देशों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों का पालन कर यदि सहकारी संस्थाएँ अपने कार्य में तेजी लाती हैं, तो निश्चित ही इनसे जुड़ी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुँचेगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - asarkari

लेखकों की टीम: द्वारा नीतू तिवारी, सिया वत्स, शालिनी शर्मा

Keywords:

cooperative innovation, micro ATMs, financial inclusion, Uttarakhand cooperative department, rural development, PACS computerization, business plans, cooperative banks

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0