मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष निर्देश पर “स्प्यूरियस ड्रग्स” के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग का ऑपरेशन क्लीन,, सीमा क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ी, भारत-नेपाल सीमा के प्रवेश द्वारों पर विशेष निगरानी अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष निर्देश पर “स्प्यूरियस ड्रग्स” के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग का ऑपरेशन क्लीन
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देहरादून: उत्तराखंड की देवभूमि अब नकली, अधोमानक एवं नशीली दवाओं के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई के मोर्चे पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में राज्यव्यापी महाअभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश को “नशा मुक्त उत्तराखंड” बनाना और जनता को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण एवं प्रमाणिक औषधियाँ उपलब्ध कराना है। राज्य के फार्मा सेक्टर में व्याप्त विसंगतियों को समाप्त करने तथा युवा पीढ़ी को मादक औषधियों के दुष्प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की जा रही है।
स्प्यूरियस दवा माफिया पर सख्त नजर
इस अभियान के तहत प्रदेशभर में स्प्यूरियस दवा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। नकली (Spurious), अधोमानक (Substandard), मिसब्रांडेड (Misbranded) और मादक औषधियों का निर्माण और भंडारण करने वालों पर निगरानी रखी जाएगी। औषधि निर्माता फर्मों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रेताओं एवं कच्चा माल आपूर्तिकर्ता फर्मों की विस्तृत जाँच की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा है कि इस अभियान का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नकली या नशीली औषधियों के व्यापार में लिप्त पाए जाएँगे, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
QRT टीम–अभियान की अग्रिम पंक्ति में
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने इस कार्यवाही हेतु विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है, जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक श्री हेमंत सिंह कर रहे हैं। यह टीम प्रदेश भर में छापेमारी व सघन निगरानी अभियान चलाएगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि QRT को विश्लेषणशाला की रिपोर्ट, जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना और टोल फ्री हेल्पलाइन से मिली जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है।
राज्य के औषधि निरीक्षण ढाँचे को सशक्त किया गया
डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, प्रदेश के सभी जिलों को औषधि निरीक्षण के कार्य हेतु दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणी-1 में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, पौड़ी जैसे जिले हैं, जबकि श्रेणी-2 में अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत शामिल हैं। प्रत्येक जिले में निरीक्षण और सैंपलिंग की प्रक्रिया साप्ताहिक आधार पर चलायी जा रही है।
नमूनों की वैज्ञानिक जाँच और सशक्त विश्लेषण प्रणाली
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य की औषधि विश्लेषणशालाओं को आधुनिक संसाधनों और प्रशिक्षित मानवबल से सुसज्जित किया गया है। संदिग्ध औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जाँच की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि एक भी नकली दवा उपभोक्ता तक न पहुँचे।
जनजागरूकता और भागीदारी
डॉ. आर. राजेश कुमार ने आगे कहा कि अभियान का दूसरा पहलू जनजागरूकता है। राज्य में विभिन्न माध्यमों से नशा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। विद्यालयों में नशा मुक्ति शिक्षा, मेडिकल स्टोर्स पर औषधियों की वैधता की जाँच, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया द्वारा प्रचार किया जाएगा।
टोल फ्री हेल्पलाइन
स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 शुरू की है। कोई भी नागरिक नकली, नशीली या संदेहास्पद औषधियों के संबंध में जानकारी इस पर साझा कर सकता है। शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।
धामी सरकार की स्पष्ट नीति, जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह महाअभियान राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा, युवा पीढ़ी की रक्षा और फार्मा सेक्टर में अनुशासन की स्थापना की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। राज्य सरकार का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में अब नकली और नशीली औषधियों के लिए कोई स्थान नहीं है।
यह सेवा स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और जनता को सुरक्षित औषधियाँ प्रदान करने के प्रति राज्य सरकार की गम्भीरता को दर्शाती है।
इस महान अभियान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट पर जाएँ: asarkari.com
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