मुख्यमंत्री धामी के कुशल मार्गदर्शन से उत्तराखंड बना फिल्म निर्माण का हब -बंशीधर तिवारी महानिदेशक सूचना

मुख्यमंत्री धामी के कुशल मार्गदर्शन से उत्तराखंड बना फिल्म निर्माण का हब -बंशीधर तिवारी महानिदेशक सूचना
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देहरादून - उत्तराखंड में हाल ही में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ने राज्य को फिल्म निर्माण का हब बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कार्यशाला नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NFDC) और उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद (UFDC) के सहयोग से सहस्त्रधारा रोड स्थित होटल में आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य "उत्तराखंड में फिल्मिंग इकोसिस्टम के विकास" पर केंद्रित था।
कार्यशाला का महत्व
इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए बंशीधर तिवारी, महानिदेशक सूचना ने कहा, "मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं भारत सरकार के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को फ़िल्म निर्माण हब के रूप में स्थापित करने के प्रयास जारी हैं। यह कार्यशाला राज्य और केंद्र की नीतियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।"
बंशीधर तिवारी ने आगे बताया कि उत्तराखंड की फिल्म नीति केवल फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति को सशक्त करने के लिए भी बनाई गई है। हाल ही में, क्षेत्रीय सिनेमा को दी जाने वाली सब्सिडी ₹25 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ तक कर दी गई है, जिससे गुणवत्ता वाले फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
विशेष सब्सिडी और प्रोत्साहन
कार्यक्रम में बताया गया कि राज्य के कम चर्चित स्थलों पर फिल्मारी करने पर कुल फिल्म निर्माण लागत का 5% अतिरिक्त प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाती है। स्थानीय कलाकारों को काम देने वाले निर्माताओं को भी विशेष सब्सिडी दी गई है। साथ ही, पर्वतीय क्षेत्रों में एकल स्क्रीन सिनेमा हॉल स्थापित करने के लिए ₹25 लाख की एकमुश्त सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
डिजिटल पोर्टल की आवश्यकता
तिवारी ने इस बात पर भी बल दिया कि राज्य में फिल्म निर्माण से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियों - जैसे शूटिंग लोकेशन, उपकरण, कलाकार और लॉजिस्टिक्स - को एकीकृत करने के लिए एक समर्पित डिजिटल पोर्टल विकसित करने की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य फिल्म निर्माताओं के लिए उत्तराखंड को और अधिक अनुकूल बनाना है।
स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन
यूएफडीसी के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने 'प्रतिभा, प्रशिक्षण और तकनीक' को उत्तराखंड के फिल्म निर्माण मॉडल के तीन आधार स्तंभ बताते हुए कहा, "हम केवल बाहरी निर्माताओं को नहीं, बल्कि स्थानीय कहानीकारों और तकनीशियनों को भी एक मंच देना चाहते हैं।"
मतदाता की आवाज
कार्यशाला के समापन पर प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागी फिल्म निर्माताओं और फ़िल्म निर्माण से जुड़े अन्य लोगों की नीतिगत जिज्ञासाओं का समाधान NFDC और UFDC के अधिकारियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने उत्तराखंड को एक फिल्म-निर्माता अनुकूल गंतव्य बनाने के प्रयासों की सराहना की।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला उत्तराखंड में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में नए अवसरों और संभावनाओं का द्वार खोलने जा रही है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य की फिल्म नीति और सुविधाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि उत्तराखंड जल्द ही भारतीय फिल्म उद्योग का एक प्रमुख गंतव्य बनेगा।
उत्तराखंड के इस विकासात्मक कदम के लिए राज्य सरकार और मीडिया की सराहना की जानी चाहिए। फिल्म निर्माताओं को चाहिए कि वे इस अनुकूल वातावरण का अधिकतम लाभ उठाएं और नए कार्यों में योगदान दें।
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