Uttarakhand: ठोस नीतियों का नतीजा, तीन वर्षों में 23.46 करोड़ पर्यटकों ने किया राज्य का रुख

उत्तराखंड में धार्मिक, आध्यात्मिक और एडवेंचर पर्यटन के चलते पिछले तीन वर्षों में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 23.46 करोड़ तक पहुंच गई है। इससे न केवल स्थानीय लोगों की आमदनी में वृद्धि हुई है, बल्कि सरकार का राजस्व भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
उत्तराखंड में मजबूत नीतियों के चलते पर्यटन क्षेत्र ने नई रफ्तार पकड़ी है। बीते तीन वर्षों में राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 23.46 करोड़ तक पहुंच गई है। पिछले चार वर्षों की तुलना में पर्यटकों की संख्या लगभग दोगुनी हुई है। शीतकालीन यात्रा जैसी पहलों से यात्रियों की आमद में वृद्धि हुई है और उत्तराखंड का पर्यटन अब पूरे वर्ष सक्रिय हो गया है।
इससे न केवल स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य सरकार द्वारा जिन योजनाओं और सेक्टरों को बढ़ावा दिया गया, वहां निवेश और आय दोनों में तेजी आई, जिससे स्थानीय लोगों के लिए नए रोजगार अवसर भी सृजित हुए।
सीएम धामी के नेतृत्व में दिखी उछाल
पर्यटन क्षेत्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा, एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के पुनरुद्धार और होमस्टे योजनाओं को विशेष रूप से बढ़ावा दिया। इसका असर साफ नजर आ रहा है। भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल (2017-18 से 2021-22) में, कोविड जैसी वैश्विक महामारी के बावजूद, पर्यटकों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ तक पहुंच गई थी।
वहीं, भाजपा 2.0 यानी धामी सरकार के कार्यकाल में पर्यटन क्षेत्र ने अभूतपूर्व उछाल लिया है। मात्र तीन वर्षों (2022-23 से 2024-25) में उत्तराखंड में 23.46 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ। यह न सिर्फ एक नया रिकॉर्ड है, बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि राज्य सरकार की योजनाएं और प्रचार प्रयास केवल औपचारिक नहीं, बल्कि परिणाम देने वाले साबित हुए हैं।
उत्तराखंड पर्यटन की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में धामी सरकार का प्रचार और निवेश निर्णायक रहा है।
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