उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को मिलेगा नया बूस्ट, देहरादून में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को मिलेगा नया बूस्ट, देहरादून में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
देहरादून: सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के उपक्रम एन.एफ.डी.सी., इंडिया सिने हब और उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को देहरादून में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी ने बताया है कि इस कार्यशाला का विषय ‘‘डेवलेपमेंट इन फिल्मिंग इको सिस्टम इन उत्तराखंड‘‘ रखा गया है।
कार्यशाला के उद्देश्यों और विशेषताएँ
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में फिल्म निर्माण के अवसरों को बढ़ावा देना और स्थानीय फिल्म निर्माताओं को सरकार की नीतियों से अवगत कराना है। कार्यशाला में एन.एफ.डी.सी. एवं इंडिया सिने हब के अधिकारियों द्वारा भारत सरकार की फिल्म निर्माण से जुड़ी नीतियों और योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। इसके साथ ही, उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू फिल्म नीति 2024 के बारे में विस्तृत जानकारियाँ साझा की जाएँगी।
उद्योग के प्रतिनिधियों की भागीदारी
इस कार्यशाला में फिल्म उद्योग से जुड़े निर्माता, निर्देशक, सिनेमेटोग्राफर, फिल्म एडीटर और होटल, टूर एंड ट्रैवल उद्योग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इन सभी का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जहाँ पर वे अपने विचारों और अनुभवों को साझा कर सकें। यह कार्यशाला न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान करने का अवसर है, बल्कि संभावित सहभागियों के बीच एक नेटवर्क बनाने का भी अवसर प्रदान करती है।
फिल्म नीति 2024 का महत्व
उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू फिल्म नीति 2024 ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में नई संभावनाएँ पैदा की हैं। इस नीति के तहत, राज्य में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। यह कार्यशाला इस दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ फिल्म निर्माता स्थानीय कारणों और अवसरों के बारे में जान सकेंगे।
आगामी अवसर और उम्मीदें
इस कार्यशाला के माध्यम से उत्तराखंड में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक नया बूस्ट मिलने की उम्मीद है। स्थानीय संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक स्थलों को कैद करने का यह एक अवसर है, जिससे राज्य को नई पहचान मिल सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस पहल से अधिकतम फिल्म निर्माताओं का ध्यान उत्तराखंड की ओर आकर्षित होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
इस प्रकार, यह कार्यशाला एक अनूठा अवसर है, जो स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
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लेखक: साक्षी शर्मा, अनुष्का दास, जिम्मी कौर
टीम asarkari
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