जमरानी और सौंग बांध के निर्माण में तेजी लाई जाए, सीएम धामी के अधिकारियों को निर्देश

जमरानी और सौंग बांध के निर्माण में तेजी लाई जाए, सीएम धामी के अधिकारियों को निर्देश
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रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए।
जमरानी बांध परियोजना की विशेषताएँ
जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2029 तक रखा गया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। यह परियोजना लगभग 3808 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जा रही है, जिसमें 150.6 मी. ऊँचे बांध का निर्माण, 42.92 किमी लंबी नहर का पुनर्निर्माण एवं 21.25 किमी लंबी नई नहर का निर्माण कार्य शामिल है।
इस परियोजना के तहत हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की भविष्य की लगभग 10.50 लाख आबादी के लिए 117 एम.एल.डी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, इसमें बनने वाली 09 किमी लंबी झील से एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।
सौंग बांध पेयजल परियोजना
सौंग बांध पेयजल परियोजना की लागत लगभग 2492 करोड़ रुपये है, जिसमें 130.60 मीटर ऊँचे बांध का निर्माण और 1.5 मीटर व्यास की 14.70 किमी लंबी जल वहन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत 85 किमी जल वितरण प्रणाली और 150 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र का निर्माण भी किया जाएगा। इससे भविष्य में देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित लगभग 10.65 लाख की जनसंख्या के लिए 150 एम.एल.डी. ग्रेविटी से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री का निरीक्षण
बैठक के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने राज्यपाल ले.ज.(से.नि.) गुरमीत सिंह के साथ जमरानी बांध निर्माण साइट का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि परियोजना की प्रगति पर नज़र रखने के लिए और आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।
निष्कर्ष
इन दोनों बांधों के निर्माण से न केवल स्थानीय लोगों को पेयजल सुविधा मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों से स्पष्ट होता है कि सरकार इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। यदि ये परियोजनाएँ समय पर पूर्ण हो जाती हैं, तो यह राज्य के विकास में एक बड़ा योगदान दे सकती हैं।
कुल मिलाकर, जमरानी और सौंग बांध परियोजनाएँ उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे न केवल पेयजल की समस्या का समाधान होगा, बल्कि यह आर्थिक विकास को भी गति देगा।
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