भाजपा को झटका: पूर्व भाजपा नेता के जनसंपर्क अधिकारी सुरेश भट्ट कांग्रेस में हुए शामिल, दर्जनों समर्थक भी जुड़े

भाजपा को झटका: पूर्व भाजपा नेता के जनसंपर्क अधिकारी सुरेश भट्ट कांग्रेस में हुए शामिल, दर्जनों समर्थक भी जुड़े
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आलमोड़ा से बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच, भाजपा को एक और जोरदार झटका लगा है। पूर्व भाजपा नेता के जनसंपर्क अधिकारी सुरेश भट्ट ने अपने चार दर्जन से अधिक समर्थकों के साथ बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इस कदम ने अति महत्वपूर्ण धौलादेवी विकासखंड को एक नई राजनीतिक दिशा दी है।
सुरेश भट्ट का कांग्रेस में शामिल होना
धौलादेवी विकासखंड के ग्राम तलचौना के भाजपा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेश भट्ट ने हाल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी में सदस्यता ग्रहण की। यह भाजपा के लिए एक बेहद चौंकाने वाली घटना है, क्योंकि इससे भाजपा की राजनीतिक उपस्थिति को एक और झटका लगा है।
भट्ट की भर्त्सना
सुरेश भट्ट ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के नाम पर बजट का दुरुपयोग हो रहा है और कार्यकर्ताओं को केवल अपनी जेब भरने में रुचि है। जनसमस्याओं का समाधान करने के बजाय, भाजपा कार्यकर्ता जनता की समस्याओं को अनसुना कर रहे हैं, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। इस संदर्भ में, भट्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा किए गए ईमानदारी भरे कार्यों को अपने कांग्रेस में शामिल होने का मुख्य कारण बताया।
कई नेताओं ने लिया कांग्रेस का दामन
सुरेश भट्ट के साथ बड़ी संख्या में अन्य भाजपा नेता और समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इनमें पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बसंती देवी, पूर्व सैनिक पीतांबर दत्त भट्ट और पूर्व शिक्षक जगदीश चंद्र भट्ट शामिल हैं। इन सभी नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए एक संकेत है कि पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है।
समर्थकों का आभार
कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं और समर्थकों के इस समूह के साथ, सुरेश भट्ट ने अपने संभावित राजनीतिक परिवर्तन के संकेत दिए हैं, जो आगामी चुनावों में भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है। उनके अनुसार, भाजपा में समर्थन कम हो रहा है और लोग कांग्रेस के विकास कार्यों को देखकर आकर्षित हो रहे हैं।
भविष्य की राजनीतिक परिदृश्य
भविष्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच इस राजनीतिक लड़ाई में देखने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु हो सकते हैं। खासकर उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में जहां स्थानीय मुद्दों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। आने वाले समय में सुरेश भट्ट और उनके समर्थकों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
क्या यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा संकट साबित होगा? या कांग्रेस नए नेताओं के साथ एक नई राजनीतिक धारा को जन्म देगी? समय ही बताएगा।
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