देशद्रोह के नारे व सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं, SIT जांच के बाद छात्रों के हित में होगा फैसला: CM धामी

Sep 27, 2025 - 18:30
 140  19.4k
देशद्रोह के नारे व सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं, SIT जांच के बाद छात्रों के हित में होगा फैसला: CM धामी

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की परीक्षा की निष्पक्षता से जांच करा रही है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करते हुए इसकी जांच शुरू कर दी गई है। जांच और फिर कार्रवाई तेजी से होगी। एसआइटी की जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा। उसके आधार पर छात्रों के हित में जो भी जरूरी होगा, निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि युवाओं को तय करना है कि उनका आंदोलन चलाने वाले कौन लोग है। आखिर कौन उन्हें सड़कों पर लाकर अपना हित साध रहे हैं। इस विषय को पूरा राजनीति की ओर धकेल दिया है। देशद्रोह के नारे लगाए जा रहे हैं और सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

श्री धामी से किए कुछ सवाल और उनके जवाब..

सवालः धामी जी UKSSSC पेपर प्रकरण में मांग के बावजूद जांच CBI को सौंपने की जगह SIT को क्यों दी गई?

जवाबः किसी भी प्रकरण में, विशेषकर गंभीर या जघन्य आरोपों की स्थिति में, जांच सीधे CBI को नहीं सौंपी जा सकती। पहले प्रकरण की विवेचना स्थानीय पुलिस, थाना स्तर, विशेष जांच दल (SIT) अथवा अन्य सक्षम एजेंसियों द्वारा की जाती है। तथ्यों एवं साक्ष्यों के संकलन के उपरांत ही यह निर्धारित किया जाता है कि मामला CBI को सौंपना आवश्यक है या नहीं। CBI जांच प्रारम्भ करने से पूर्व सक्षम प्राधिकारी द्वारा अब तक की जांच का विवरण तथा CBI जांच की आवश्यकता संबंधी औचित्य मांगा जाता है। आवश्यक दस्तावेज एवं तथ्यों के उपलब्ध होने के पश्चात ही CBI जांच पर निर्णय लिया जाता है।

सवालः धामी जी इस मामले में छात्रों से सबूत क्यों मांगे जा रहे हैं?

जवाबः प्रकरण में SIT द्वारा प्रचलित विवेचना हेतु एक माह का समय निर्धारित किया गया है। इस अवधि में प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी। ऐसे में यदि किसी अभ्यर्थी, छात्र या संबंधित व्यक्ति के पास प्रकरण से जुड़ा कोई तथ्य अथवा साक्ष्य है, तो वह मीडिया प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रस्तुत कर सकता है। इससे जांच को ठोस आधार प्राप्त होगा तथा निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।

सवालः धामी जी,सरकार ने पेपर रद्द क्यों नहीं किया जा रहा?

जवाबः 21 सितम्बर को आयोजित परीक्षा प्रक्रिया को वर्तमान में अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। जांच पूर्ण होने के पश्चात ही इसे पुनः संचालित किया जाएगा। आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद भी यदि प्रतिभागियों को असंतोष हो अथवा जांच अपूर्ण प्रतीत हो, तो नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

सवालः सीएम धामी जी 2022 में सामने आए पेपर के दौरान पकड़ा गया आरोपी हाकम जेल से कैसे छूट गया?

जवाबः किसी भी आरोपी को न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार हिरासत में रखा जाता है। गिरफ्तारी के उपरांत निरुद्ध रखना, जमानत देना अथवा न देना न्यायालय का अधिकार क्षेत्र है। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के पश्चात आरोपी को न्यायालय के आदेशानुसार जेल भेजा जाता है। ट्रायल न्यायालय के समक्ष चलता है और सजा अथवा रिहाई संबंधी निर्णय भी न्यायालय ही करता है।

सवाल : धामी जी पहले भी ऐसे मामले हाईकोर्ट तक गए है?

उत्तर: जी बिल्कुल,सन् 2022 में भी CBI जांच हेतु उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जो उस समय खारिज कर दी गई थी। वर्तमान प्रकरण में SIT जांच पूर्ण होने के पश्चात आयोग के विवेकाधिकार अनुसार जांच किसी अन्य एजेंसी को सौंपने पर निर्णय लिया जा सकता है। समुचित दस्तावेजीकरण एवं प्रक्रियाओं के पश्चात ही जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।

सवाल : ये अभ्यर्थियों के आंदोलन को लेकर आप क्या सोचते है ?

उत्तर: अपने देखा है कि स्वाभिमान मोर्चा, बेरोजगार संघ के आंदोलन परजीवी, भोले-भाले युवाओं/छात्रों को बरगलाकर कांग्रेस की रिक्रूटमेंट एजेंसी की तरह काम कर रहे हैं। ये ऐसे तत्व है जिन्होंने कभी कोई परीक्षा नहीं दी, अभ्यर्थियों के कंधे पर चढ़ कर ये अपनी राजनीति भूमि तलाश रहे है। अब सबने देख लिया इनके भीतर टुकड़े टुकड़े गैंग, शाइन बाग गैंग, जेएनयू,जामिया गैंग के लोग दिखाई दे रहे है। जो देवभूमि की राष्ट्रभक्त,सनातन संस्कृति को डेमेज करने के षडयंत्र रच रहे है। यहां के लोगों का अपमान कर रहे है। आपको ऐसा नहीं लग रहा है कि पहले बेरोजगार संघ और स्वाभिमान मोर्चा छात्रों युवाओं को उकसाएगा, उसके बाद एनएसयूआई की एंट्री होगी तथा उसके बाद यूथ कांग्रेस और कांग्रेस के माध्यम से अपनी-अपनी नेतागिरी चमकाई जाएगी।

प्रश्न : आपकी इस पर क्या चाहते है ?

उत्तर: देखिए मैं सभी युवा साथियों से अपील करता हूँ कि वे यह तय करें कि उनके आंदोलन का नेतृत्व वास्तव में कौन कर रहा है? कुछ लोग ऐसे हैं जो युवाओं को सड़कों पर लाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं, जिनका न तो युवाओं से और न ही भर्ती प्रक्रिया से कोई लेना-देना है।मैने भी छात्र राजनीति की है मैं भी छात्र हित के लिए आंदोलन करता रहा हूं।लेकिन कभी हम राष्ट्र के ,सनातन के खिलाफ नहीं गए।

प्रश्न : सरकार का इनके साथ संवाद हुआ ?

उत्तर: देखिए . हमारी प्रतिबद्धता साफ है,जैसे हमने नकल विरोधी कानून बनाकर राज्य में अब तक 25,000 से अधिक नियुक्तियाँ पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की हैं, उसी प्रकार आगे भी करेंगे। हाल ही में जो घटना सामने आई है, उसकी गहन जाँच के लिए हमारी सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एस.आई.टी. का गठन किया है। SIT द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, वो निश्चित रूप से छात्रों और युवाओं के हित में होगा और सरकार के लिए बाध्यकारी होगा।परन्तु ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग छात्रों की आड़ में सरकार को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं।हमने अपने युवा साथियों से निवेदन किया कि वे ऐसे लोगों से सावधान रहें और इनके बहकावे में न आएं।हमने डीएम एसएसपी को संवाद करने के लिए लगाया है अन्य उच्च अधिकारी भी बातचीत में लगे हुए है।लेकिन जब आंदोलन राजनीतिक स्वार्थी तत्वों और विपक्ष की कठपुतली बन जाता है तब निर्णय सामने वाला नहीं पर्दे के पीछे के लोग करते है। हमने पर्दा हटाया तो कौन लोग दिखाई दिए, कांग्रेस के टूल किट्स, भारत माता के टुकड़े टुकड़े की बात करने वाला गैंग, शाइन बाग में जेएनयू जामिया में राष्ट्र विरोधी भगवा सनातन विरोधी गैंग। इन्हें युवा छात्र ही पहचानने लगे है।

प्रश्न : कुछ और जानकारी जो आप देना चाहें

उत्तर : देखिए उत्तराखंड की जनता राष्ट्रवादी है, यहां देवो का स्थान सनातन में सर्वोपरि है, अभ्यर्थी भी जब परीक्षा देने जाता है तो आराध्य देव के आगे विश्वास से ,आस्था से माथा टेक कर जाता है।हमारी सरकार ने हमेशा सनातन संस्कृति को ऊपर रख कर इस देवभूमि की सेवा की है जोकि कांग्रेस को वामपंथियों को रास नहीं आ रही है। ये पहले भी यहां मुस्लिम यूनिवर्सिटी की बात करते थे, डेमोग्राफी चेंज को बढ़ावा देते रहे, मजार जिहाद,थूक जिहाद, लव जिहाद,लैंड जिहाद पर मुंह सिल लेते है, वोट बैंक की , तुष्टिकरण की राजनीति से इनका दिल नहीं भरता अब नकल जेहाद का सहारा लेकर प्रपंच रचा है। नकल को पेयर लीक बता रहे है। नकल करने वाला आरोपी कौन है जो जेल गया। ये उत्तराखंड में ये विचारधारा की लड़ाई है जिसे राष्ट्रवादी,सनातन वादी देवतुल्य जनता को समझना होगा।

The post देशद्रोह के नारे व सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं, SIT जांच के बाद छात्रों के हित में होगा फैसला: CM धामी appeared first on Dastak Times | दस्तक टाइम्स.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0