Uttarakhand Panchayat Chunav: भाजपा ने जिला पंचायत की 10 सीटें जीतीं, कांग्रेस को मिली सिर्फ एक सीट

Uttarakhand Panchayat Chunav: भाजपा ने जिला पंचायत की 10 सीटें जीतीं, कांग्रेस को मिली सिर्फ एक सीट
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उत्तरााखंड पंचायत चुनाव 2025 ने एक बार फिर से राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचाई है। इस बार भाजपा ने जिला पंचायत की 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट पर संतोष करना पड़ा। ज्ञात हो कि यह चुनाव प्रदेश में कुल 12 जिलों में हुए थे, जिनमें से छह जिलों के परिणाम सामने आ चुके हैं।
चुनाव का विवरण
गुरुवार सुबह 10 बजे से प्रदेश के 12 जिलों में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत उपाध्यक्ष पदों के लिए मतदान शुरू हुआ, जो दोपहर तीन बजे तक चला। नैनीताल जिले का परिणाम अभी घोषित नहीं हुआ है, लेकिन चुनाव के अन्य जिलों में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत की है। इस बार जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कौन जीता, कौन हारा
प्रदेश के विभिन्न जिलों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। भाजपा ने जहां टिहरी, यूएस नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, और चमोली में जीत हासिल की, वहीं देहरादून में कांग्रेस की सुखविंदर कौर ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की। आइए एक नजर डालते हैं उन जिलों पर जहाँ भाजपा को विजय मिली:
- टिहरी - इशिता सजवाण (भाजपा)
- यूएस नगर - अजय मौर्य (भाजपा)
- चंपावत - आनंद सिंह अधिकारी (भाजपा)
- पिथौरागढ़ - जितेंद्र प्रसाद (भाजपा)
- उत्तरकाशी - रमेश चौहान (भाजपा)
- चमोली - दौलत सिंह बिष्ट (भाजपा)
- अल्मोड़ा - हेमा गैड़ा (भाजपा)
- रुद्रप्रयाग - पूनम कठैत (भाजपा)
- पौड़ी - रचना बुटोला (भाजपा)
- बागेश्वर - शोभा आर्या (भाजपा)
- देहरादून - सुखविंदर कौर (कांग्रेस)
(नैनीताल जिले का परिणाम अभी आना बाकी है और हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव नहीं हुए हैं।)
निर्दलीयों की भूमिका
निर्दलीयों ने इस बार चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 358 सीटों में से 145 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जो इस बात का संकेत है कि अब चुनावों में व्यक्ति की पहचान पर अधिक महत्व दिया जा रहा है। देहरादून में कांग्रेस को चार निर्दलीयों का समर्थन मिला, जिससे उनकी जीत मजबूत हुई। इसी तरह कई जिलों में भाजपा को भी निर्दलीयों ने वोट देकर जीत दिलाने में मदद की।
निष्कर्ष
इस बार के पंचायत चुनावों ने निश्चित रूप से लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने का काम किया है। भाजपा की विजयी लहर ने यह साबित कर दिया है कि वे प्रदेश में अब भी एक महत्वपूर्ण शक्ति बने हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस की एक सीट पर जीत और निर्दलीयों का प्रभाव, यह दर्शाता है कि राजनीतिक समीकरण में बदलाव संभव है। चुनावों के बाद, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी अपने लोकलुभावन प्रयासों से फिर से जनता का आशीर्वाद जीतने में सफल होती है।
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