Uttarkashi: यमुनोत्री भूस्खलन हादसे में लापता दो यात्रियों के मिले शव, 11 वर्षीय बच्ची की पहचान हुई

Jul 7, 2025 - 00:30
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Uttarkashi: यमुनोत्री भूस्खलन हादसे में लापता दो यात्रियों के मिले शव, 11 वर्षीय बच्ची की पहचान हुई
Uttarkashi: यमुनोत्री भूस्खलन हादसे में लापता दो यात्रियों के मिले शव, 11 वर्षीय बच्ची की पहचान हुई

Uttarkashi: यमुनोत्री भूस्खलन हादसे में लापता दो यात्रियों के मिले शव, 11 वर्षीय बच्ची की पहचान हुई

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन की एक दुखद घटना में लापता रहे दो यात्रियों के शव मिले हैं। यह हादसा जानकीचट्टी से यमुनोत्री की ओर जाने वाले पैदल रास्ते पर नौकैंची के पास हुआ था, जब अचानक मलबा और भारी बोल्डर गिरने से चार से पांच श्रद्धालु मलबे में दब गए थे। इस घटना ने यात्रियों के परिवारों में भय और चिंता की लहर पैदा कर दी थी।

भूस्खलन की घटनाएं और बचाव कार्य

23 जून को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन के बाद से लापता हुए दो यात्रियों के शव 6 जुलाई को यमुनाजी की भगेली गाड़ से मिले। मृतकों की पहचान 35 वर्षीय कमलेश जेठवा, निवासी मुंबई और 11 वर्षीय बच्ची भाविका शर्मा, निवासी कृष्णा विहार, नई दिल्ली के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी नौगांव भेजा गया है। चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने बताया कि घटनास्थल से एक शव और एक कटा हुआ पैर बरामद हुआ था।

परिवारों का दर्द

इस घटना ने उन परिवारों पर भारी मानसिक तनाव डाला है, जिनके प्रियजन हादसे के समय वहां मौजूद थे। भाविका एक छोटी सी बच्ची थी, जिसका जीवन अभी प्रारंभिक स्तर पर था। उसकी मातृ-पिता ने अपनी बेटी को खो दिया, जो इस कठिन समय में उनके लिए अविस्मरणीय है। इस तरह की घटनाएं हमारे पर्यटन स्थलों की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न उठाती हैं।

रेस्क्यू अभियान की जानकारी

घटना के तुरंत बाद, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें रेस्क्यू अभियान को जारी रखते हुए घटनास्थल पर पहुंची थीं। अधिकारियों ने मलबे को हटाने और संभावित बचे लोगों को खोजने का काम शुरू किया। हालांकि, निकले शव इस बात का संकेत हैं कि बचाव के प्रयासों में कठिनाई आ रही थी।

भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था

इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि हमें पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। सरकार को यमुनोत्री और अन्य पर्यटन स्थलों पर भूस्खलन की संभावनाओं को लेकर पूर्वानुमान लगाने और वहां बुनियादी सुविधाओं के स्तर में सुधार करने की आवश्यकता है।

पारिवारिक सहायता और संवेदनाएं

सभी संबंधित अधिकारियों को इस स्थिति में प्रभावित परिवारों के साथ सहानुभूति प्रदर्शित करनी चाहिए, ताकि वे इस कठिन समय में साहारा पा सकें। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी और सरकार सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए यथासंभव प्रयास करेगी।

कुल मिलाकर, यह घटना न केवल यात्रियों के लिए भयानक थी, बल्कि हमारे समाज के लिए एक सबक भी है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग रहना चाहिए और हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए, ध्यान दें कि यह स्थिति लगातार बदल रही है। कृपया हमारी वेबसाइट asarkari.com पर जाएं और ताजा अपडेट पाएं।

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