कर्णप्रयाग भूस्खलन: होटल और घरों में घुसा मलबा, टैक्सी दबने से मची अफरा-तफरी, लोग जान बचाकर भागे

कर्णप्रयाग भूस्खलन: होटल और घरों में घुसा मलबा, टैक्सी दबने से मची अफरा-तफरी, लोग जान बचाकर भागे
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कर्णप्रयाग में रात के एक बजे एक फिर से भयंकर भूस्खलन हुआ, जिससे हाईवे किनारे बने एक होटल और घरों में मलबा चला गया। इस घटना के दौरान, होटल में मौजूद लोग सुरक्षित स्थान पर जाने में सफल रहे, लेकिन आस-पास की स्थितियों ने सभी को डराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों बल्कि यात्रियों के लिए भी खतरनाक साबित हुई। आइए जानते हैं इस भूस्खलन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
घटना का विवरण
कर्णप्रयाग के उमट्टा क्षेत्र में देर रात भारी भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से तेजी से गिर रहे मलबे ने एक होटल के बाहर खड़ी टैक्सी को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान टैक्सी में मौजूद लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। इस स्थिति ने होटल में काम कर रहे स्टाफ और अन्य मेहमानों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बना दिया। साये में सुरक्षित स्थान पर जाने के प्रयास में लोग अपने साथियों को आवाज देकर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे।
बचाव कार्य और स्थिति
हादसे के बाद, स्थानीय प्रशासन और एनएच अधिकारियों ने मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। लेकिन मलबे की भारी मात्रा और पहाड़ी से गिरते बोल्डर के कारण हाईवे को खोलने में समय लग सकता है। इस घटना के कारण दोनों छोरों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पुलिस ने मार्ग को डायवर्ट करके यातायात को नियंत्रित किया है। केवल वहीं क्षेत्र के उपजिलाधिकारी और तहसीलदार भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
जल संस्थान पर प्रभाव
मलबे के कारण जल संस्थान के पाइप भी दब चुके हैं, जिससे स्थानीय जल आपूर्ति प्रभावित हुई है। लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं और प्रशासन के द्वारा जल्द से जल्द मरम्मत के कार्य की उम्मीद की जा रही है। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे आगामी भूस्खलनों का खतरा और बढ़ सकता है।
मौसम का पूर्वानुमान
ताज़ा मौसम रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून, टिहरी, नैनीताल और चंपावत जिलों में तेज बारिश की संभावना है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, चारों जिलों में अगले पांच दिन तक बारिश की उम्मीद जताई गई है। इस बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में और भूस्खलन की घटनाएँ हो सकती हैं।
निष्कर्ष
इस भूस्खलन ने कर्णप्रयाग के लोगों की सुरक्षा और उनकी दैनिक जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है। प्रशासनिक प्रयासों और लोगों की सतर्कता से उम्मीद की जा सकती है कि स्थिति शीघ्र नियंत्रित होगी। ऐसे मौसम में हमें अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस प्रकार की घटनाएँ हमें बताती हैं कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है। शांति और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।
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लेखकों की टीम: टीम asarkari
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