गांवों की सरकार: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बिगुल बजा, दो चरणों में 10 जुलाई, 15 जुलाई को वोटिंग, 19 जुलाई को नतीजे

गांवों की सरकार: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का बिगुल बजा, दो चरणों में 10 जुलाई, 15 जुलाई को वोटिंग, 19 जुलाई को नतीजे
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - asarkari
रैबार डेस्क: उत्तराखंड में लंबे समय से टलते आ रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आखिरकार घोषणा हो गई है। हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 10 जुलाई, जबकि दूसरे चरण का मतदान 15 जुलाई को होगा। मतगणना का कार्य एवं नतीजे 19 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्रों में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है।
चुनाव आयोजन की पूरी प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। चुनावी अधिसूचना 21 जून को जारी होने के बाद, जिला निर्वाचन अधिकारी 23 जून को चुनाव की सूचना जारी करेंगे। प्रदेश में कुल 89 विकासखंडों और 7499 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव के लिए 66 हजार 418 पदों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न पदों के लिए सदस्यों का चुनाव होगा।
मतदाताओं की बढ़ती संख्या
राज्य चुनाव निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रदेश के 12 जिलों में 47 लाख 77 हजार 72 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष वोटरों की संख्या 24 लाख 65 हजार 702 और महिला वोटरों की संख्या 23 लाख 10 हजार 996 है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार मतदाताओं की संख्या में करीब 10.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसका मतलब है कि लगभग 4 लाख 56 हजार 793 नए मतदाता इस चुनाव में अपनी भागीदारी करेंगे।
मतदान की प्रक्रिया और तारीखें
चुनाव की सभी मुख्य तारीखें इस प्रकार हैं:
- नामांकन की प्रक्रिया: 25 जून से 28 जून (सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक)
- नामांकन पत्रों की जांच: 29 जून से 1 जुलाई
- नाम वापसी: 2 जुलाई (सुबह 8 बजे से शाम 3 बजे तक)
- पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह आवंटन: 3 जुलाई
- पहले चरण का मतदान: 10 जुलाई (सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक)
- दूसरे चरण के लिए चुनाव चिन्ह आवंटन: 8 जुलाई
- दूसरे चरण का मतदान: 15 जुलाई (सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक)
- मतगणना: 19 जुलाई (सुबह 8 बजे से कार्य समाप्ति तक)
वोटिंग प्रक्रिया की खासियतें
चूंकि पंचायत चुनावों में एक से अधिक पदों के लिए एक साथ वोटिंग होती है, मतदान बैलेट पेपर से होगा। विभिन्न पदों के लिए मतपत्रों का रंग भी निर्धारित है:
- ग्राम पंचायत सदस्य (पंच) के लिए सफेद रंग का मतपत्र
- ग्राम प्रधान पद के लिए हरे रंग का मतपत्र
- क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नीले रंग का मतपत्र
- जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र
इस चुनाव में कुल 95 हजार 909 अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी, जिसमें मतदान स्थलों पर सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती होगी।
निष्कर्ष
उत्तरााखंड में इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से न केवल ग्रामीण शासन प्रणाली को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह लोकतंत्र की ताकत को भी पुनः स्थापित करेगा। हर मतदाता की आवाज इस चुनाव में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस प्रक्रिया के जरिए वे अपनी सरकार का चयन करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया [asarkari.com](https://asarkari.com) पर जाएं।
लेख: अनामिका शर्मा, पूजा वर्मा, टीम asarkari
Keywords:
panchayat elections, Uttarakhand, voting dates, rural government, election commission, voter turnout, ballot papers, election process, village governance, local electionsWhat's Your Reaction?






