सीजीएसटी आयुक्तालय देहरादून में जीएसटी संवाद सत्र का आयोजन, वरिष्ठ सीबीआईसी और सीजीएसटी अधिकारियों ने उत्तराखंड के करदाताओं से किया सीधा संवाद

सीजीएसटी आयुक्तालय देहरादून में जीएसटी संवाद सत्र का आयोजन
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देहरादून: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, देहरादून द्वारा आज सिविल सर्विस इंस्टीट्यूट, देहरादून में ‘जीएसटी संवाद’ सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम करदाताओं और विभागीय अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष संवाद का एक प्रभावी मंच साबित हुआ। इस संवाद सत्र का मुख्य उद्देश्य सुधार, दरों के सरलीकरण और व्यापार में आसानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना था।
सत्र का उद्देश्य और मुख्य आकर्षण
इस संवाद सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए सुरजीत भुजबल, विशेष सचिव एवं सदस्य (सीमा शुल्क), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), नई दिल्ली। साथ ही संजय मंगल, मुख्य आयुक्त, सीजीएसटी एवं सीमा शुल्क, मेरठ जोन, और नीलेश कुमार गुप्ता, आयुक्त, सीजीएसटी (लेखा परीक्षा), देहरादून भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
इस सत्र में कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्र के व्यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े उद्यमी, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अधिवक्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। एक संगोष्ठी के रूप में, इस सत्र ने करदाताओं की समस्याओं को सुनने और समाधान प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
मुख्य मुद्दों पर चर्चा
सत्र के दौरान संरचनात्मक सुधार, दर युक्तिकरण (रेट रेशनलाइजेशन) और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। सुरजीत भुजबल ने करदाताओं की शिकायतें और सुझाव धैर्यपूर्वक सुने तथा अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया।
इस संवाद में कुछ नीति संबंधी मुद्दों को जीएसटी काउंसिल में उठाने का आश्वासन भी दिया गया, ताकि ये मुद्दे सही तरीके से सुलझाए जा सकें। इन पहलों से न केवल करदाताओं की समस्याएं दूर होंगी, बल्कि व्यापारिक समुदाय का विश्वास भी बढ़ेगा।
जीएसटी संवाद: एक महत्वपूर्ण पहल
‘जीएसटी संवाद’ सत्र ने न केवल करदाताओं और प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत किया, बल्कि उत्तराखंड के व्यापारिक समुदाय के सशक्तीकरण और जीएसटी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल एवं करदाता हितैषी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह आयोजन व्यापार में सुगमता और निदान देने के लिए एक नई दिशा की ओर संकेत करता है।
निष्कर्ष
इस तरह के संवाद सत्र ना केवल संवाद बढ़ाने का कार्य करते हैं, बल्कि ये करदाताओं के लिए एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करते हैं। देहरादून में आयोजित इस विशेष सत्र ने करदाताओं को उनके अधिकारों और जागरूकता के संबंध में नई जानकारियाँ देने में मदद की है। हम उम्मीद करते हैं कि इसी तरह के और कार्यक्रम भविष्य में आयोजित होंगे, जिससे व्यापारिक वातावरण और भी बेहतर हो सकेगा।
आगामी बैठकों में इन मुद्दों पर और विस्तार से चर्चा की जाएगी, ताकि सभी हितधारकों के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।
लेखक: सुष्मिता शर्मा, प्रिया वर्मा, टीम asarkari
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