सीएम धामी का निर्देश, श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें

सीएम धामी का निर्देश, श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें
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देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे हरिद्वार स्थित मनसा देवी – चंडी देवी मंदिर, टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम, नैनीताल के कैंची धाम, अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, तथा पौड़ी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार भीड़ प्रबंधन, श्रद्धालु पंजीकरण, पैदल मार्गों तथा सीढ़ियों का चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने एवं अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उनके अनुसार, इन उपायों से श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित दर्शन अनुभव प्राप्त होगा।
समिति का गठन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि दोनों मंडलों के आयुक्तों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए। इस समिति में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, और कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। उनकी प्राथमिकता सुंदर मंदिर परिसरों का सुनियोजित विकास, धारणा क्षमता में वृद्धि और व्यवस्थित दुकान प्रबंधन रहेगी।
श्रद्धालुओं की पंजीकरण प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए ताकि दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित की जा सके। इस प्रकार, चरणबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित कर भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। इससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, सचिव एवं आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, और अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. अंशुमन सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह बैठक इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी कि धार्मिक स्थानों पर श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुरक्षा और प्रबंधन में सुधार किया जा सके।
निष्कर्ष
इस प्रकार, मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश से यह स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि मानती है। श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए समुचित व्यवस्थाओं का होना आवश्यक है। यह न केवल धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों के लिए सुगमता सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी सुरक्षित रखेगा।
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लेखक: सृष्टि शर्मा, नेहा वर्मा, श्रुति मिश्रा
टीम asarkari
Keywords:
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