18 अगस्त को दोबारा होगा नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, हाईकोर्ट के निर्देश, 5 सदस्यों का नही चला पता

18 अगस्त को दोबारा होगा नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, हाईकोर्ट के निर्देश, 5 सदस्यों का नही चला पता
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रैबार डेस्क: उत्तराखंड में 11 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन किया जा चुका है, लेकिन नैनीताल जिले में यह चुनाव अपने विवादास्पद और हिंसक आंदोलन के कारण फिर से होने जा रहा है। हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को यहां दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है। इस निर्णय का मुख्य कारण कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि उनके पांच सदस्य चुनावी प्रक्रिया के दौरान अपहरण का शिकार हुए हैं।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन ने चुनावी प्रक्रिया की देखरेख करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। हाईकोर्ट ने लापता सदस्यों के विषय में नाराजगी जताते हुए एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि वह सदस्यों की खोज के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। एसएसपी ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि उनके पास जोड़ने वाला कोई वीडियो सामग्री नहीं है, जो घटना को दर्शाता हो।
पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप
नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनकी सदस्यों को अगवा कर दिया। वायरल वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई पड़ता है कि कुछ सदस्य चुनावी स्थान से बाहर की ओर खींचे जा रहे हैं। इन सभी घटनाओं के कारण कांग्रेस ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश दिया।
किडनैपिंग का मामला
आदालत ने निर्देश दिया कि 5 लापता सदस्य, जिनमें डिकर सिंह मेवाड़ी, प्रमोद सिंह, तरुण कुमार शर्मा, दीप सिंह बिष्ट और विपिन सिंह शामिल हैं, के मामले की गहन जांच की जाए। माना जा रहा है कि ये सदस्य अभी भी अगवा हैं। इस मामले में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था ताकि वे जिलापंचायत कार्यालय तक सुरक्षित पहुंच सकें।
भविष्य की चुनावी स्थिति
जिला पंचायत में कुल 27 सदस्यों की संख्या है, जिनमें से 12 सदस्यों ने पहले ही मतदान में भाग लिया। भाजपा द्वारा समर्थित सदस्यों के मतदान के बाद, कांग्रेस ने अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए 15 सदस्यों का समर्थन मिलने का दावा किया है। इसी स्थिति के कारण भारत की राजनीति में नया मोड़ देखने को मिले सकता है।
निष्कर्ष
नैनीताल का जिला पंचायत चुनाव कई कारणों से विवादित बना हुआ है। हिंसा और किडनैपिंग के आरोपों ने इस चुनाव की पारदर्शिता को प्रश्नांकित किया है। 18 अगस्त को होने वाले चुनाव को लेकर सभी नजरें इस बार की प्रक्रिया पर टिक गई हैं। यह चुनाव न केवल नैनीताल की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की राजनीतिक तस्वीर को भी बदल सकता है।
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