Kanwar Yatra: आस्था का उफान, पांच दिनों में 80.90 लाख शिवभक्त पहुंचे हरिद्वार

Kanwar Yatra: आस्था का उफान, पांच दिनों में 80.90 लाख शिवभक्त पहुंचे हरिद्वार
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इस वर्ष कि कांवड़ यात्रा में श्रद्धा और आस्था की एक अद्भुत लहर देखने को मिल रही है। हरिद्वार में कांवड़ पटरी मार्ग से लेकर हाईवे तक श्रद्धालुओं के जत्थे नजर आ रहे हैं। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण पहलू का भी परिचायक है।
यात्रा की शुरुआत और श्रद्धालुओं की संख्या
कांवड़ मेला श्रावण मास के पहले ही सप्ताह में चरम पर पहुँच गया है। सोमवार को ही करीब 25 लाख कांवड़ यात्री यात्रा पर निकले। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 10 जुलाई से मंगलवार शाम तक करीब 80 लाख 90 हजार कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं।
कांवड़ यात्रा की विशेषताएं
कांवड़ यात्रा का मुख्य केंद्र हरिद्वार है, जहाँ शिव भक्त अपने-अपने कांवड़ों में गंगाजल भरकर विभिन्न स्थलों पर जाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। हरिद्वार की सड़कों, गंगनहर पटरी और राष्ट्रीय हाइवे सहित अन्य मार्गों पर शिवभक्तों का उमड़ता जनसैलाब इस बात की गवाही देता है कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती। विशेषकर, भगवा रंग में रंगी धर्मनगरी की फिजा बोल बम, हर-हर महादेव और बम बम भोले के जयघोष से गूंज रही है।
प्रशासन की व्यवस्था
कांवड़ियों की इस बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से व्यवस्था संभाली है। पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की हैं। यात्रा के दौरान हर की पैड़ी और अन्य घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
कानून व्यवस्था और सुरक्षा
कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता होती है। प्रशासन ने भीड़ के प्रबंधन और लोगों की सुरक्षा के लिए अनेक उपाय किए हैं। शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
अंत में
कांवड़ यात्रा एक ऐसा पर्व है जो भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ा है। यह न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि एकता और समर्पण का भी प्रतीक है। भीड़ का यह जनसैलाब दर्शाता है कि श्रद्धा की शक्ति कितनी विशाल होती है। हर भक्त का संकल्प उसकी आस्था को और मजबूत करता है। इस वर्ष की यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आस्था की लहर कभी भी रुक नहीं सकती।
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