NIEPVD, देहरादून में दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा व पेंशन बंद किये जाने पर‌ भारी आक्रोश : आपात बैठक में की गई घोर निन्दा

Aug 12, 2025 - 00:30
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NIEPVD, देहरादून में दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा व पेंशन बंद किये जाने पर‌ भारी आक्रोश : आपात बैठक में की गई घोर निन्दा
NIEPVD, देहरादून में दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा व पेंशन बंद किये जाने पर‌ भारी आक्रोश : आपात बैठक में की गई घोर निन्दा

NIEPVD, देहरादून में दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा व पेंशन बंद किये जाने पर‌ भारी आक्रोश : आपात बैठक में की गई घोर निन्दा

देहरादून - NIEPVD में दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की अचानक चिकित्सा सुविधा व पेंशन बंद किये जाने पर दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। यह जानकारी मिली है कि यह मुद्दा केवल एक सामान्य समस्या नहीं है, बल्कि इससे हजारों पेंशनरों और कर्मचारियों के जीवन में संकट उत्पन्न हुआ है।

मामले की पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि NIEPVD, देहरादून भारत सरकार का एक प्रमुख संस्थान है। गत 20 जून 2025 को भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने दृष्टि दिव्यांग बच्चों के साथ अपने जन्मदिवस का उत्सव मनाकर इस संस्थान को ऐतिहासिक गौरव प्रदान किया था। लेकिन वर्तमान में इस संस्थान की सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और कार्यरत सरकारी कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों की चिकित्सा सुविधा को बिना किसी पूर्व आदेश के स्थगित कर दिया गया है।

चिकित्सा सुविधा का तत्काल स्थगन

इस निर्णय से अनेक दृष्टि दिव्यांग पेंशनर, सरकारी कर्मचारी और उनके आश्रित, जो गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, टी.बी., डायबिटीज़ आदि का उपचार करवा रहे हैं, गंभीर संकट में हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों में रोष व्याप्त है, क्योंकि कई लोग जिन्होंने 30-40 वर्षों तक सेवा दी है, अब इलाज के लिए मोहताज हो गए हैं।

पेंशन के खतरे में

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार जी और सचिव तथा निदेशक अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन भी बंद करने की तैयारी में हैं, जबकि ये सभी कर्मचारी पेंशन के वैधानिक हक़दार हैं। इसके परिणामस्वरूप, सेवानिवृत्त कर्मचारियों में काफी रोष देखा जा रहा है। यह आशंका अब वास्तविकता में बदलती नजर आ रही है। ऐसे में, कर्मचारियों का जीवन प्रभावित होने की संभावना काफी बढ़ गई है।

आपात बैठक में निर्णय

इस गंभीर परिस्थिति के विरोध में, आज सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों (दृष्टि दिव्यांग पेंशनर) और कर्मचारियों की एक आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन सेवानिवृत्त अधिकारी जगदीश चंद्र लखेड़ा जी ने किया। बैठक में विभिन्न पैनल के सदस्यों ने NIEPVD, देहरादून प्रबंधन की कड़ी निंदा की और चिकित्सा सुविधा के जारी रखने का प्रस्ताव पारित किया।

आगे की रणनीति

बैठक में सभी ने सहमति व्यक्त की कि यह लड़ाई लंबी है। सभी ने मिलजुलकर न केवल संस्थान में हड़ताल, धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया, बल्कि वैधानिक लड़ाई भी लड़ने का मन बनाया। इससे यह साफ होता है कि दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और सेवानिवृत अधिकारियों/कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी।

निष्कर्ष

यह संकट केवल एक संस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है जिसमें मानवीय मूल्य और अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता है। वीरेन्द्र कुमार जी और अन्य संबंधित अधिकारियों को ध्यान में रखते हुए, इस मामले का समाधान होना जरूरी है।

आपको यह जानकारी देना आवश्यक है कि NIEPVD, देहरादून के दृष्टि दिव्यांग पेंशनरों और कर्मचारियों की स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा का ध्यान रखना समाज के लिए अनिवार्य है।

कम शब्दों में कहें तो यह एक महत्वपूर्ण और गंभीर विषय है, जिसके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

आपात बैठक में उठाये गए मुद्दों और प्रस्तावों को मन में रखते हुए, हम भविष्य में इस पर अपडेट देते रहेंगे। अधिक अपडेट के लिए, हमारी वेबसाइट asarkari.com पर जाएं।

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