उत्तराखंड का रहस्यमय देवलसारी गांव : जहां शिव के क्रोध ने बनाया जंगल, जानिए कोनेश्वर महादेव मंदिर की अनूठी कहानी और रहस्य

Jul 21, 2025 - 09:30
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उत्तराखंड का रहस्यमय देवलसारी गांव : जहां शिव के क्रोध ने बनाया जंगल, जानिए कोनेश्वर महादेव मंदिर की अनूठी कहानी और रहस्य
उत्तराखंड का रहस्यमय देवलसारी गांव : जहां शिव के क्रोध ने बनाया जंगल, जानिए कोनेश्वर महादेव मंदिर की अनूठी कहानी और रहस्य

उत्तराखंड का रहस्यमय देवलसारी गांव: जहां शिव के क्रोध ने बनाया जंगल, जानिए कोनेश्वर महादेव मंदिर की अनूठी कहानी और रहस्य

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लेखिका: अदिति वर्मा, द्वारा टीम asarkari

उत्तराखंड का देवलसारी गांव, जो टिहरी जिले के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है, एक खूबसूरत और रहस्यमय स्थान है। यहां के कोनेश्वर महादेव मंदिर की कहानी और उस मंदिर के पीछे की कृत्रिमता लोगों को आकर्षित करती है। आइए जानते हैं इस गांव की विशेषताओं और अनूठी कहानी के बारे में।

प्राचीन सिद्ध पीठ: कोनेश्वर महादेव मंदिर

देवलसारी स्थित कोनेश्वर महादेव मंदिर को "मंदिर में जलेरी न होने के कारण आधी नहीं, बल्कि पूरी की जाती है परिक्रमा" कहकर पुकारा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1600 के दशक में हुआ था और यह शिवजी की कृपा से बना एक सिद्ध पीठ है। स्थानीय लोग इस मंदिर को अपनी आस्था का केंद्र मानते हैं।

देवलसारी की अनूठी कहानी

इस मंदिर की कहानी लोककथाओं में छिपी हुई है। कहा जाता है कि एक साधु ने खेत में जगह मांगी लेकिन चौकीदार ने मना कर दिया। साधु के क्रोध से रातों-रात उस खेत में देवदार का जंगल उग आया। इस जंगल के बीच में एक शिवलिंग भी था। जब ग्रामीणों ने यहां मंदिर बनाने की कोशिश की, तो उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

कुदरत का अनोखा चमत्कार

इस मंदिर में अगाध श्रद्धा रखने वाले भक्त यह मानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़ाने वाले जल की निकासी का कोई रहस्य है, जो आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है। यह विशेषता इसे एक अद्भुत और अद्वितीय स्थान बनाती है। यहां की परंपराएं और मान्यताएं भक्तों को इस ओर और भी आकर्षित करती हैं।

कब जाएं और कैसे पहुंचे?

देवलसारी में यात्रा करने का सर्वोत्तम समय बसंत और शरद ऋतु के दौरान होता है। मसूरी से यहां पहुंचने के लिए टॅक्सी या स्थानीय बस उपलब्ध हैं। यात्रा के दौरान आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

स्थानीय जीवनशैली का अनुभव

देवलसारी में ठहरने के लिए स्थानीय गेस्टहाउस और होमस्टे उपलब्ध हैं। यह ठिकाने आपकी यात्रा को और अधिक अनुकूल बनाने में मदद करेंगे और स्थानीय संस्कृति का अनुभव प्रदान करेंगे।

समाप्ति

देवलसारी का कोनेश्वर महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक जीवित संस्कृति और आकर्षण का स्थल है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं, तो जरूर इस अद्भुत स्थान का दौरा करें और शिवजी से आशीर्वाद प्राप्त करें।

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