धराली त्रासदी में बचे लोगों ने बताई आपबीती, अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- नहीं जानता मैं कैसे बचा

Aug 7, 2025 - 18:30
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धराली त्रासदी में बचे लोगों ने बताई आपबीती, अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- नहीं जानता मैं कैसे बचा
धराली त्रासदी में बचे लोगों ने बताई आपबीती, अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- नहीं जानता मैं कैसे बचा

धराली त्रासदी में बचे लोगों ने बताई आपबीती, अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- नहीं जानता मैं कैसे बचा

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देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा के कारण हुई धराली त्रासदी की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। भयंकर बादल फटने के कारण 11 लोग घायल हुए, जिन्हें तुरंत उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में, गंभीर स्थिति में होने के कारण उन्हें ऋषिकेश एम्स में रेफर करना पड़ा। इस अवसर पर, बचे लोगों ने अपनी आपबीती साझा करते हुए दिल दहला देने वाले अनुभव बताए।

मरीजों की दर्दनाक कहानियाँ

मरीज अमरदीप सिंह ने बताया कि जब वह अपने कैंप में थे, तभी अचानक एक जोरदार धमाका हुआ। उन्होंने सोचा कि यह आर्मी की ओर से की जा रही गोलीबारी है, लेकिन जब वह बाहर निकले तो पता चला कि यह तो बादल फटने की आवाज थी। अमरदीप ने कहा, "हम लोग बस भागने में सफल हुए। यह दृश्य बहुत भयानक था। हमारे जवानों ने हर संभव कोशिश की कि सभी को सुरक्षित निकाल सकें।"

दूसरी ओर, गोपाल नामक एक मरीज जो आर्मी में काम करते हैं, ने कहा, "मैं वहीं था जब बादल फटा। हमने कई लोगों को बचाया लेकिन कुछ लोग बह गए। मुझे खुद नहीं पता कि मैं कैसे बचा। धराली में इस त्रासदी ने ग्रामीणों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कई कीमती सामान खो दिए।"

तत्काल इलाज और सरकारी सहायता

डॉ. पीएस पोखरियाल ने अस्पताल में मौजूद चिकित्सकीय संसाधनों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "हमारे पास अब 45 बेड रिजर्व हैं और हमारी टीम हर आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार है। अगर किसी की हालत बिगड़ती है, तो हमारी चिकित्सकीय सहायता तुरंत उपलब्ध होगी।" अस्पताल प्रशासन और स्थानीय अधिकारी इस त्रासदी की गंभीरता को समझते हुए पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।

क्षेत्र में राहत कार्य

सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर राहत कार्य तेज कर दिया है। अब तक कुछ लापता व्यक्तियों की खोज जारी है। प्रशासन ने बिस्कुट, पानी और अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण करने के लिए भी कदम उठाए हैं। उत्तरकाशी के ग्रामीण इस कठिन घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने की कोशिश कर रहे हैं।

निष्कर्ष

धराली त्रासदी की घटना ने हमें एक बार फिर यह याद दिलाया है कि प्रकृति की शक्तियों का सामना करना कभी-कभी कितना मुश्किल हो सकता है। लोगों की कहानियाँ और उनकी साहसिकता हमें प्रेरित करते हैं। राहत और चिकित्सा सहायता का कार्य जारी है, जिससे प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। इस सारी घटना के बीच, प्रशासन ने एकजुटता का प्रतीक पेश किया है।

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