भारी बारिश का असर: अलकनंदा-गंगा उफान पर, धारी देवी मंदिर बंद, बदरीनाथ हाईवे पर बढ़ा जलभराव का खतरा

भारी बारिश का असर: अलकनंदा-गंगा उफान पर, धारी देवी मंदिर बंद, बदरीनाथ हाईवे पर बढ़ा जलभराव का खतरा
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हर साल उत्तराखंड में बारिश के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। इस साल भी बारिश ने उत्तराखंड को एक बार फिर परेशान किया है। चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में हो रही लगातार मूसलधार बारिश के चलते अलकनंदा और गंगा नदियां उफान पर हैं। धारी देवी मंदिर बंद हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
अलकनंदा का बढ़ता जलस्तर
भारी वर्षा के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी धारी देवी मंदिर तक पहुंच गया। तथ्यों के अनुसार, नदी का पानी मंदिर परिसर के बाहर स्थित अस्थायी पुरानी दुकानों में भी घुस गया। मंदिर समिति के सदस्य राजेश पांडे ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे उन्हें जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली। इसके बाद वह मौके पर पहुंचे और देखा कि जीवीके डैम के गेट खोलने के बाद भी जल स्तर में कोई कमी नहीं आई।
धारी देवी मंदिर की स्थिति
धारी देवी मंदिर का मंदिर से जुड़ा पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। एहतियात के तौर पर मंदिर और आसपास की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। स्थानीय पार्षद राजेंद्र सिंह नेगी ने प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
बदरीनाथ हाईवे पर बढ़ा जलभराव का खतरा
बदरीनाथ हाईवे पर जलभराव की स्थिति भी चिंताजनक है। कलियासौड़ से करीब एक किलोमीटर आगे मिनी गोवा बीच पर अलकनंदा का पानी राष्ट्रीय राजमार्ग तक आ गया है, जिससे सड़क जलमग्न हो गई है और वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी है। प्रशासन ने इस मार्ग पर यातायात को सुरक्षित रखने के लिए पूरी कोशिश की है।
देवप्रयाग में गंगा का उफान
देवप्रयाग में भारी बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर खतरे के स्तर 463 मीटर को पार कर गया, और सुबह 11 बजे तक जलस्तर 466.28 मीटर दर्ज किया गया। खतरे के निशान से साढ़े तीन मीटर अधिक जलस्तर ने तीर्थनगरी में हड़कंप मचा दिया है। ओएनएस स्कूल में पानी घुसने के कारण छुट्टी करनी पड़ी। यहाँ प्रशासन की टीमें लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
प्रशासन का सुरक्षा उपाय
जिलाधिकारी ने धारी देवी क्षेत्र की दुकानों और श्रीनगर में नदी किनारे स्थित स्कूलों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद करा दिया है। यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन और पुलिस की टीमें सभी प्रशासनिक उपाय कर रही हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। स्थानीय लोग इस स्थिति को 2013 की आपदा से जोड़कर देख रहे हैं और चिंतित हैं कि कहीं हालात और न बिगड़ें।
निष्कर्ष
भारी बारिश ने उत्तराखंड में जनजीवन को प्रभावित किया है। प्रशासन ने सभी संभावित उपाय किए हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। स्थानीय लोग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सरकार से उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। इस बीच, सभी को नदियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
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