भारी बारिश से एक बार फिर उफान पर यमुना नदी, आगरा के 35 गांवों में बाढ़ का खतरा

Sep 1, 2025 - 09:30
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भारी बारिश से एक बार फिर उफान पर यमुना नदी, आगरा के 35 गांवों में बाढ़ का खतरा

लखनऊ: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से आगरा में यमुना नदी उफान पर है। यहां नदी का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी स्तर से 9 इंच ऊपर पहुंच गया है। इसमें और वृद्धि की आशंका है। गोकुल बैराज से नदी में 1.08 लाख क्यूसेक पानी प्रति घंटे छोड़ा जा रहा है। इसमें हर घंटे बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ते जलस्तर को देख प्रशासन फिर अलर्ट मोड पर आ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। बाढ़ चौकियां को सक्रिय कर दिया गया है। लगातार मुनादी के निर्देश दिए गए हैं।

बरसात के सीजन में यमुना दूसरी बार उफान पर आई है। 8 अगस्त को यमुना में गोकुल से पानी छोड़ा गया था, जिससे आगरा में यमुना 494.2 फीट तक पहुंच गई थी। दूसरी बार 17 अगस्त को हथिनी कुंड से यमुना में 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। गोकुल बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे आगरा में यमुना का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी स्तर 495 फीट को पार कर 495.9 फीट हो गया था। अब फिर यमुना उफान पर है। रविवार को वाटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 495.9 फीट पहुंच गया है। गोकुल बैराज से नदी में 1,08,609 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गुरुवार रात को इसमें वृद्धि की संभावना है।

स्थिति ये है कि आगरा में कैलाश, बल्केश्वर, हाथी और दशहरा घाट पानी में डूबे हुए हैं। श्मशान घाट के 12 अंत्येष्टि स्थल जलमग्न हैं। प्रशासन ने शहरी इलाकों सहित नदी के 40 तटवर्ती गांव की निगरानी बढ़ा दी है। बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है। बल्केश्वर के पार्वती घाट स्थित महाकाली काल भैरव का मंदिर भी जलमग्न है। यहां जाने वाला रास्ता डूब गया है। जिला प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए नदी में जल पुलिस को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। स्टीमर के संचालन पर रोक लगा दी है।

बटेश्वर के नवनिर्मित घाट डूबे, मचा हड़कंप
नदी में जलस्तर बढ़ने से पानी बटेश्वर के नवनिर्मित घाट तक पहुंच गया है। घाट पानी में डूब गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के घाट की तरफ जाने पर रोक लगा दी है। स्थिति ये है कि कछार की फसलें डूब गई हैं। तराई के खेत जलमग्न हो गए हैं। 35 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में तहसील प्रशासन ने पांच बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं। यहां प्रशासनिक अधिकारियों को मुस्तैद किया गया है।

पार्वती नदी का बढ़ा जलस्तर
राजस्थान के आगई बांध से रविवार की सुबह चार गेट खोल दिए गए हैं। नदी में पानी छोड़ा गया है। इससे नदी के ऊपर बनी रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। पैदल यात्री भी रपट के ऊपर होकर गुजरने से कतरा रहे हैं। राजस्थान से सटे गांवों से संपर्क टूट गया है। इस नदी में भी तीसरी बार पानी छोड़ा गया है। इससे आगरा में फिर से बाढ़ जैसी स्थिति बनेगी।

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