मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण में 30 उम्मीदवारों को दिया समर्थन

मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पहले चरण में 30 उम्मीदवारों को दिया समर्थन
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उत्तराखंड में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 को लेकर मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने अपने पहले चरण के समर्थन की घोषणा कर दी है। समिति ने जिला पंचायत के 20 और क्षेत्र पंचायत/ग्राम प्रधान के 10, कुल 30 जनप्रतिनिधि उम्मीदवारों को अपना समर्थन दिया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय से चुनावी राजनीति में नई हलचल मच गई है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
संघर्ष समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने बताया कि सभी उम्मीदवार मूल निवास, भू-कानून और उत्तराखंड की अस्मिता के मुद्दों को लेकर समिति की विचारधारा से जुड़े रहे हैं। उन्होंने समय-समय पर जनहित में मुखर भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि "हमारा समर्थन किसी राजनीतिक दल नहीं, बल्कि विचारधारा को है जो उत्तराखंड की संस्कृति, जमीन और अस्मिता की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं।"
अवसर और चुनौतियाँ
समिति अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखंड के अन्य जिलों से भी कई जागरूक एवं संघर्षशील उम्मीदवारों ने समिति से समर्थन की अपील की है। उनके विषय में विचार-विमर्श अभी जारी है और अगले 1-2 दिनों में कुछ और नामों की घोषणा भी की जा सकती है। यह समर्थन समिति द्वारा सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि भावनात्मक निष्ठा और उत्तराखंडी हितों के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
इस तरह के कदम से यह स्पष्ट होता है कि संघर्ष समिति का लक्ष्य केवल चुनाव में उम्मीदवारों का समर्थन करना नहीं है, बल्कि वे उत्तराखंड की प्राकृतिक संसाधनों, संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए एक व्यापक आंदोलन का निर्माण करना चाहते हैं।
समुदाय की प्रतिक्रिया
उम्मीदवारों का चुनाव स्थानीय समुदायों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। काफी लोग समिति के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीति में हस्तक्षेप मान रहे हैं। यह दीर्घकालिक प्रयास स्थानीय नेतृत्व को मजबूत बनाने और सशक्त नागरिक समाज की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
अंत में
इन चुनावों में किसका समर्थन किसके लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति ने जमीनी स्तर पर अपने जनप्रतिनिधियों को समर्थन देकर एक मजबूत संकेत दिया है कि वे किस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, सभी की नजरें इन 30 उम्मीदवारों पर टिकी हुई हैं। चुनावी मौसम में क्या परिवर्तन होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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