श्री केदारनाथ धाम स्थित प्रसिद्ध ध्यान गुफा का संचालन करेगी श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति – हेमंत द्विवेदी

श्री केदारनाथ धाम स्थित प्रसिद्ध ध्यान गुफा का संचालन करेगी श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति – हेमंत द्विवेदी
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देहरादून: हाल के एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अब उत्तराखंड के श्री केदारनाथ धाम में स्थित प्रसिद्ध ध्यान गुफा का संचालन करेगी। यह जानकारी बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने दी। इस निर्णय का उद्देश्य गुफा के संचालन को बेहतर बनाना और श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं प्रदान करना है।
गुफा का ऐतिहासिक महत्व
ध्यान गुफा, जिसे रूद्र ध्यान गुफा भी कहा जाता है, तब प्रसिद्ध हुई जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2019 में अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान यहां साधना की। इस गुफा की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व ने इसे श्रद्धालुओं के बीच एक प्रमुख स्थल बना दिया है। पर्यटन विभाग ने 2018 में इस गुफा को एक नया स्वरूप देकर इसका नाम ध्यान गुफा रखा था, जिससे इसकी आकर्षण में वृद्धि हुई है।
बीकेटीसी के संचालन का महत्व
अब तक इस गुफा का प्रबंधन गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) द्वारा किया जा रहा था, लेकिन हाल ही में जीएमवीएन ने बीकेटीसी को गुफा हस्तांतरित करने के लिए अनापत्ति दे दी है। इस क्रम में, महाप्रबंधक (पर्यटन) गढ़वाल मंडल विकास निगम ने कहा कि उन्हें बीकेटीसी को गुफा के संचालन में कोई आपत्ति नहीं है। बीकेटीसी को गुफा के संचालन का प्रभार मिलने से श्रद्धालुओं को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।
ऑनलाइन आरक्षण की नियुक्तियां
गुफा के संचालन को बीकेटीसी द्वारा नियंत्रित किए जाने पर वर्तमान में अनुसूचित पर्यटकों का भी ध्यान रखा जाएगा। आगामी सितंबर 2025 से अक्टूबर 2025 के बीच, 15 पर्यटकों द्वारा ध्यान गुफा के लिए ऑनलाइन अग्रिम आरक्षण किया गया है, जो कि पहले की तरह ही रहेगा।
पर्यटन में नई क्रांति
ध्यान गुफा का बीकेटीसी को हस्तांतरण स्थानीय पर्यटन को एक नई दिशा प्रदान करेगा। इससे न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। इस निर्णय के साथ, हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि ध्यान गुफा को एक सुविधाजनक और सुगम स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
निष्कर्ष
इस प्रकार, ध्यान गुफा का संचालन श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा किया जाना निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है। यह गुफा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह पर्यटन विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। बीकेटीसी द्वारा संचालन से हम सभी की आशा है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं का अनुभव और भी बेहतर होगा।
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लेखिका: संजना गुप्ता, अनुराधा सेन, योगदान: टीम asarkari
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