श्री दरबार साहिब में गुरु पूर्णिमा पर गुरु महिमा से निहाल हुई संगतें, श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को दिए दर्शन

श्री दरबार साहिब में गुरु पूर्णिमा पर गुरु महिमा से निहाल हुई संगतें
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गुरु पूर्णिमा : गुरु की महिमा को आत्मसात कर संगतों ने श्रद्धा से शीश नवाया। श्री दरबार साहिब में विशेष पूजा अर्चना हुई, दर्शन मनौतियों का चला क्रम और विशेष लंगर प्रसाद वितरित हुआ।
गुरु पूर्णिमा का अद्भुत पर्व
देहरादून। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज में गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत श्रद्धाभाव एवं भक्तिपूर्वक मनाया गया। देश-विदेश से पहुंचीं संगतों एवं श्रद्धालुओं ने श्री गुरु राम राय जी महाराज के चरणों में आस्था निवेदित की और गुरु महिमा का भावपूर्ण स्मरण किया। इस पावन अवसर पर श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने विशेष पूजा अर्चना की तथा संगतों को गुरु के उपदेशों का सार समझाया। उन्होंने संगतों को दर्शन दिए और आशीर्वाद दिया।
विशेष पूजा अर्चना एवं अरदास
गुरुवार को श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने विशेष पूजा अर्चना की। देश-विदेश से आई संगतों ने श्री दरबार साहिब में अरदास की और श्री झंडे जी पर माथा टेका। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने श्री गुरु राम राय जी महाराज का विशेष रूप से सिमरन किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने ब्रहमलीन गुरु श्रीमहंत इन्दिरेश चरण दास जी महाराज को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि गुरु ही जीवन के वास्तविक पथप्रदर्शक होते हैं, जो अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।
भक्ति और भव्यता का संगम
इस अवसर पर दूर-दराज से आई संगतों ने श्री दरबार साहिब में अरदास कर श्री झंडे जी पर माथा टेका। पूरे परिसर में भक्ति और भव्यता का दिव्य संगम देखने को मिला। गुरु पूर्णिमा के इस शुभ दिन को ध्यान, आत्मचिंतन और गुरु की शिक्षाओं के स्मरण का पर्व बताते हुए श्री महाराज जी ने कहा कि गुरु के उपदेश जीवन को आध्यात्मिक एवं नैतिक ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। कार्यक्रम उपरांत विशेष लंगर प्रसाद की भव्य व्यवस्था की गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
संगतों की श्रद्धा और समर्पण
संगतों की श्रद्धा और समर्पण ने इस पर्व को विशेष रूप से सजाया। सभी ने गुरु की महिमा को महसूस किया और श्री दरबार साहिब में एक साथ मिलकर साथ श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की। इस पावन अवसर पर सभी ने अपने मन में गुरु की शिक्षाओं को सहेजने का संकल्प लिया और आस्था से पुनः सेना होगा कि वे अपने जीवन में गुरु के उपदेशों को आत्मसात करेंगे।
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