धराली आपदा- एजेंसियों ने रेस्क्यू में झोंकी जान, प्रभावितों के बीच पहुंचे CM, हर्षिल से सेना के 11 जवानों का रेस्क्यू, एक्शन में चिनूक

धराली आपदा- एजेंसियों ने रेस्क्यू में झोंकी जान, प्रभावितों के बीच पहुंचे CM, हर्षिल से सेना के 11 जवानों का रेस्क्यू, एक्शन में चिनूक
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रैबार डेस्क: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई तबाही के बाद दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और लोगों से बातचीत कर हालातों का जायजा लिया। पूरा प्रशासनिक अमला रेस्क्यू और राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तत्परता
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। इस बीच रसद और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए एय़रफोर्स की मदद ली जा रही है। सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर देहरादून से चिन्यालीसौड़ पहुंच चुका है। अब तक रेस्क्यू एजेंसियों ने 190 लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया है जबकि हादसे में 5 लोगों की मौत की खबर है। हर्षिल से भी सेना के 11 घायल जवानों को आईटीबीपी के मातली कैंप पहुंचाया गया है।
सेना के 11 जवानों को किया गया एयरलिफ्ट
मंगलवार को हर्षिल में सेना का कैंप भी मलबे की चपेट में आ गया था। कुछ जवानों के लापता होने की खबर थी। बुधवार को रेस्क्यू एजेंसियां वहां पहुंची और 14 राजपुताना रेजिमेंट के 11 घायल जवानों को एयरलिफ्ट करके उन्हें आईटीबीपी के मातली कैंप पहुंचाया गया है।
सीएम धामी का दौरा और राहत कार्यों की निगरानी
सीएम धामी ने पहले क्षेत्र का हवाई सर्वे किया और फिर धऱाली से सटे मुखवा के असपास पहुंचकर प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है। प्रशासन ने राहत सामग्री और सहायता समयबद्ध तरीके से सभी प्रभावितों तक पहुंचाने के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए हैं।
टूटे हाइवे और रेस्क्यू में बाधाएं
उत्तरकाशी में गंगोत्री हाइवे जगह-जगह टूट चुका है, जिससे रेस्क्यू एजेंसियों को आपदाग्रस्त धराली पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। भटवाड़ी के पास नेशनल हाइवे का बड़ा हिस्सा वाशआउट हो गया है। इस वजह से हर्षिल, धराली और गंगोत्री जाने वाला मार्ग बंद हो गया है।
हेली का सहारा
सड़क मार्ग बंद होने से अब राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हेली सेवा का सहारा लिया जा रहा है। सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ से देहरादून पहुंचा और यहां से राहत सामग्री और उपकरणों को लेकर उत्तरकाशी गया। इसके अलावा वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है, जिसका उद्देश्य इस आपदा में अधिकतम सहायता प्रदान करना है।
निष्कर्ष
धराली आपदा ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि हमारी प्रशासनिक मशीनरी हर आपदा के समय तत्पर है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राहत कार्यों में तेजी आई है, जबकि रेस्क्यू एजेंसियां अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद करने में जुटी हुई हैं। इस आपदा में प्रभावित होने वालों के लिए सरकार हर संभव मदद देने का संकल्प ले रही है।
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