सबसे छोटे कद के प्रत्याशी की बड़ी छलांग, लक्ष्मण सिंह लच्छू दा ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता, यू ट्यूबर को मिली हार

Aug 1, 2025 - 09:30
 147  34.4k
सबसे छोटे कद के प्रत्याशी की बड़ी छलांग, लक्ष्मण सिंह लच्छू दा ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता, यू ट्यूबर को मिली हार
सबसे छोटे कद के प्रत्याशी की बड़ी छलांग, लक्ष्मण सिंह लच्छू दा ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता, यू ट्यूबर को मिली हार

सबसे छोटे कद के प्रत्याशी की बड़ी छलांग, लक्ष्मण सिंह लच्छू दा ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीता, यू ट्यूबर को मिली हार

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - asarkari

उत्तराखंड पंचायत चुनावों के नतीजों में एक खास और हैरान कर देने वाली खबर आई है। बागेश्वर में गढ़खेत क्षेत्र पंचायत चुनाव में लक्ष्मण कुमार उर्फ लच्छू दा ने अपनी छोटी कद के बावजूद बड़ी जीत दर्ज की। उनके इस चुनावी सफर ने न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सच्ची मेहनत और लगन में कितनी ताकत होती है। इस चुनाव में उनका सामना कई प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्रभावितों से हुआ, जो बिना सफलता के लौट गए।

लक्ष्मण की अनोखी चुनावी कहानी

लक्ष्मण सिंह लच्छू दा, जो कि दिव्यांग हैं और सबसे छोटे कद के प्रत्याशी माने जाते हैं, ने गढ़खेत क्षेत्र पंचायत से बीडीसी चुनाव में भाग लिया। उनका चुनाव प्रचार दिलचस्प और अनूठा था। वह कच्चे सड़क पर खच्चर पर सवार होकर गांव-गांव वोट मांगने गए। इस दौरान उन्होंने कॉमेडी के जरिए लोगों का ध्यान आकर्षित किया। चुनाव परिणाम में उन्हें कुल 348 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कैलाश राम को 230, पप्पू लाल को 227, और प्रताप राम को 181 वोट मिले। इस जीत के साथ उन्होंने 118 मतों से विजय हासिल की।

सोशल मीडिया सितारे की हार

जहां लक्ष्मण की जीत ने सभी को चौंका दिया, वहीं कई सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग हार गए। यू ट्यूब और फेसबुक की दुनिया में पहचान बनाने वाली दीपिका नेगी, जिन्होंने रुद्रप्रयाग जिले की ग्रामसभा सुवांस स्वारीग्वास-घिमतोली से चुनाव लड़ा, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनकी प्रतिद्वंदी कविता देवी ने 480 वोट प्राप्त किए, जबकि दीपिका को केवल 256 वोट ही मिले।

इसी तरह, पिथौरागढ़ में कनालीछीना ब्लॉक की डुंगरी ग्रामसभा से चुनाव लड़ रही यू ट्यूबर दीप्ति बिष्ट को भी महज 55 वोट मिले। उनके पास एक लाख से अधिक फॉलोअर्स होने के बावजूद चुनाव में सफलता नहीं मिल सकी। यह घटना यह दर्शाती है कि सोशल मीडिया पर लोकप्रियता होना हमेशा राजनीतिक सफलता का संकेत नहीं होता।

क्या दिखाते हैं परिणाम?

इन चुनाव परिणामों ने यह साबित किया है कि स्थायी प्रभाव, लोकल कनेक्शन और जनता से जुड़ाव अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। लक्ष्मण की जीत उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो असाधारण परिस्थितियों में भी सफल हो सकते हैं। यह भी दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में दिलचस्पी रखने वाले प्रभावितों को केवल ऑनलाइन फॉलोअर्स की संख्या के बजाय अपने कर्तव्यों को गंभीरता से निभाना चाहिए।

निष्कर्ष

उत्तराखंड पंचायत चुनावों के इस दिलचस्प परिणाम ने हमें न केवल लक्ष्मण सिंह लच्छू दा की कहानी बताई, बल्कि यह भी उजागर किया कि राजनीति में असमानता को कैसे पार किया जा सकता है। जहां एक तरफ लक्ष्मण की जीत एक नए युग की शुरुआत है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की हार ने राजनीतिक परिदृश्य में उनके वास्तविक प्रभाव के सवाल उठाए हैं।

अंत में, हम लक्ष्मण दा को उनकी इस सफलता पर बधाई देते हैं और आशा करते हैं कि वे अपने कार्यकाल में जनता की सेवा करते रहेंगे।

अधिक अपडेट्स के लिए, विजिट करें: asarkari.com

Keywords:

smallest candidate, Lakhman Singh Lachhu, Uttarakhand panchayat election, election results, social media influencers, rural elections, local politics, inspirational stories

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0