TAVI एक क्रांतिकारी विकल्प बनकर सामने आया -डा आनन्द कुमार पांडे, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल, वैशाली

TAVI एक क्रांतिकारी विकल्प बनकर सामने आया
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हल्द्वानी (उत्तराखंड)- भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक नई तकनीक ने हृदय रोग के उपचार में एक नई क्रांति ला दी है। TAVI (ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन) अब उन मरीजों के लिए एक जीवनदायिनी विकल्प बनकर उभर रहा है, जो पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी के योग्य नहीं माने जाते। इस प्रक्रिया को डॉ. आनन्द कुमार पांडे, जो मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर डायरेक्टर हैं, द्वारा पेश किया जा रहा है।
TAVI तकनीक का महत्व
TAVI तकनीक हृदय रोग के उपचार में एक बड़ी उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। यह विशेषकर उन रोगियों के लिए उपयोगी है, जो उम्र, कमजोरी या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। एओर्टिक स्टेनोसिस, एक ऐसी स्थिति जहां दिल का एओर्टिक वाल्व संकरा हो जाता है, इससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह स्थिति दिल की विफलता को जन्म दे सकती है।
TAVI प्रक्रिया की विशेषताएँ
डॉ. पांडे ने बताया कि TAVI प्रक्रिया एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है, जिसमें मरीज की छाती खोले बिना, आमतौर पर पैर के रास्ते एक कैथेटर के जरिए क्षतिग्रस्त वाल्व को बदल दिया जाता है। यह विधि बुजुर्ग मरीजों, जो पहले से मधुमेह या किडनी संबंधी समस्याओं से ग्रसित हैं, के लिए एक बेहतर विकल्प है।
TAVI के लाभ
TAVI प्रक्रिया के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं:
- इसमें मरीज को अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है।
- मरीज जल्दी अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट सकते हैं।
- पारंपरिक सर्जरी की तुलना में दर्द कम होता है और कोई बड़ा निशान नहीं बनता।
- जीवन गुणवत्ता में सुधार और जटिलताओं का कम जोखिम।
भारत में जागरूकता की कमी
हालांकि TAVI तकनीक के कई लाभ हैं, लेकिन भारत में इसकी उपयोगिता कम है। इसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। यदि मरीज और उनके परिवार इस प्रक्रिया के बारे में उचित जानकारी हासिल करें, तो यह जीवनदायिनी साबित हो सकती है।
कब जांच करानी चाहिए?
यदि आप या आपके किसी करीबी को एओर्टिक वाल्व की समस्या है और पारंपरिक सर्जरी के लिए जोखिम बताया गया है, तो TAVI एक जीवनदायिनी विकल्प हो सकता है। यदि आप 60 वर्ष से ऊपर हैं और सांस फूलने, थकान या सीने में दर्द जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो एओर्टिक वाल्व की जांच कराना आवश्यक हो सकता है।
निष्कर्ष
TAVI जैसी तकनीकों की बदौलत उच्च जोखिम वाले मरीजों को एक सुरक्षित, प्रभावी और कम दर्दनाक विकल्प मिल रहा है। यह न केवल जीवन की अवधि बढ़ाता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। आइए, हम सब मिलकर इस ज्ञान को फैलाएँ और लोगों को TAVI प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें।
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इस आलेख को प्रस्तुत किया है, टीम asarkari।
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