वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं सुनेंगे जिलाधिकारी: मुख्यमंत्री

Jul 10, 2025 - 00:30
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वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं सुनेंगे जिलाधिकारी: मुख्यमंत्री
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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और संरक्षण प्रदान करने के लिए प्रति प्रतिबद्ध है। इस क्रम में जिलाधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण का पीठासीन अधिकारी बनाते हुए, उन्हें संबंधित शिकायतों का निस्तारण करने को कहा गया है। यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के लिए न केवल एक संजीवनी है, बल्कि उनके अधिकारों को भी सुनिश्चित करने का कार्य करेगी।

वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 (MWPSC Act, 2007)’ को प्रभावी ठंग से अमल में लाया जाए। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता को उनके बच्चों, पोते-पोतियों तथा संपत्ति के उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की वैधानिक व्यवस्था प्रदान करना है।

जिला स्तर पर अपीलीय अधिकरण का गठन

राज्य में जिला स्तर पर कुल 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण एवं सब डिविजन स्तर पर 69 से अधिक भरण-पोषण अधिकरण कार्यरत हैं, जहां भरण-पोषण की राशि अधिकतम ₹10,000 प्रति माह निर्धारित की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं, इसलिए उन पर इस कानून को सख्ती से अमल में लाते हुए, वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है।

वरिष्ठ नागरिकों को सुविधाएं

बागेश्वर, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों में निशुल्क वृद्ध एवं निशक्तजन आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं, जहां कई जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक निवासरत हैं। राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन करते हुए श्री रामचंद्र गौड़ को अध्यक्ष, तथा श्रीमती शांति मेहरा, श्री नवीन वर्मा, और श्री हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह परिषद वरिष्ठ नागरिकों की भलाई के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन और उन्हें उचित सेवाएं प्रदान करने हेतु कार्य करेगी।

आवश्यक कदम और अपील

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है, लेकिन तय शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए, संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है। उत्तराखंड सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों से विनम्र अपील है कि यदि आप जीवन-यापन हेतु उपेक्षित महसूस करते हैं, तो अविलंब अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण या जिला समाज कल्याण अधिकारी से संपर्क करें।

मुख्यमंत्री की इस पहल ने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह सरकार की सोच का प्रतीक है कि समाज के प्रत्येक वर्ग का ध्यान रखा जाए और उन्हें न्याय एवं सुरक्षा प्रदान की जाए।

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