ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी फैलाने के लिए डिजिटल मीडिया के एक हज़ार 400 से अधिक यूआरएल यानी वेब एड्रेस ब्लॉक कर दिए गए हैं
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डिजिटल मीडिया पर कार्रवाइयाँ
सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बताया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झूठी और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी फैलाने के लिए डिजिटल मीडिया के एक हजार 400 से अधिक यूआरएल यानी वेब एड्रेस ब्लॉक कर दिए गए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में इस मामले की जानकारी दी, जिससे राष्ट्र की सुरक्षा और सही जानकारी फैलाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।
सरकारी प्रयास और फर्जी खबरों की पहचान
श्री वैष्णव ने उल्लेख किया कि सरकार ने फर्जी व भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी संभव कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं फैलाई गईं, जिनमें से अधिकतर विदेशों से आई थीं। इस सूचना के पीछे का उद्देश्य भारत के लोगों को भ्रमित करना और उनकी सुरक्षा को खतरे में डालना था।
तथ्य जांच इकाई की सक्रियता
सूचना मंत्रालय के अंतर्गत तथ्य जांच इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन समाचार स्रोतों की वास्तविक समय में निगरानी की। इस इकाई ने फर्जी तस्वीरों, संपादित वीडियो, भ्रामक बयानों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, यह इकाई पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का पर्दाफाश करने में भी सक्रिय रही और भारत के सशस्त्र बलों के खिलाफ भ्रामक सामग्री का खंडन किया।
सुरक्षा और प्रभावी कदम
इस कदम का मुख्य उद्देश्य न केवल गलत सूचनाओं का प्रसार रोकना है, बल्कि समाज में सही और सटीक जानकारी को प्रमोट करना भी है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अनेक उपाय किए हैं कि लोगों को मान्य और यथार्थ जानकारी प्राप्त हो सके। इसके अलावा, इस तरह की कार्रवाइयाँ सभी डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत करती हैं ताकि वो अपनी जिम्मेदारी समझें और भ्रामक जानकारियों के प्रति सतर्क रहें।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यूआरएल ब्लॉक करने की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति कितनी गंभीर है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि लोगों को सही और सटीक जानकारी मिले, विशेषकर जब सुरक्षा की बात आती है। उम्मीद है कि इस कदम से गलत सूचनाओं का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सकेगा और समाज में जागरूकता बढ़ेगी। आगे की जानकारी और अपडेट के लिए, यहाँ क्लिक करें।
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लेखक: प्रिया शर्मा, स्नेहा कुमारी, टीम asarkari।
Keywords:
Operation Sindoor, misinformation, digital media, URL blocking, Indian government, information security, fact-checking, public awareness, social media monitoringWhat's Your Reaction?






