प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट, बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- मुख्यमंत्री

प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट, बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- मुख्यमंत्री
रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी स्कूल भवनों को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी विद्यालय भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए। बच्चों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। जर्जर और असुरक्षित स्कूल भवनों में बच्चों को किसी भी हाल में बैठाने की अनुमति नहीं होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बच्चे सुरक्षित वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकें।
सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता
मुख्यमंत्री का यह आदेश हाल ही में शिक्षण संस्थानों में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में आया है। हाल के दिनों में कुछ विद्यालयों में घटनाएं हुई हैं, जिनमें बच्चों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ। ऐसे में शिक्षा विभाग व स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यालय भवनों की स्थिति बेहतर हो। इसमें तेज गति से काम करने और आवश्यक मरम्मत के कार्यों के लिए योजना बनाने पर जोर दिया गया है।
सड़क और पुलों का सुरक्षा ऑडिट भी अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि, "सिर्फ विद्यालय भवन नहीं बल्कि प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा।" उन्होंने अधिकारियों से निर्देशित किया कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनका प्राथमिकता पर मरम्मत और पुनर्निर्माण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जर्जर पुलों के कारण किसी भी प्रकार का जनहानि न हो, जिससे यातायात और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वेडिंग डेस्टिनेशन योजना
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने वेडिंग डेस्टिनेशन के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया। त्रियुगीनारायण और अन्य स्थलों की गतिविधियों को गति देने के लिए उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। यह न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा। विभिन्न राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया, ताकि उत्तराखंड में एक प्रभावशाली व आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन नीति विकसित की जा सके।
धार्मिक तथा आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित करने की दिशा में तेजी लाई जाएगी। इस पहल से धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को मजबूत करने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी सशक्त बनाया जाएगा। संबंधित विभागों को आपकी योजना के तहत एक अच्छी कार्य योजना बनाने की आवश्यकता है, जिससे सभी योजनाएं सुचारु रूप से चल सकें।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह निर्णय न केवल बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता का परिचायक है, बल्कि यह शिक्षा और विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। हमें उम्मीद है कि इस दिशा में उठाए गए कदम प्रदेश के सभी बच्चों को सुरक्षित और बेहतर शिक्षा का अवसर प्रदान करेंगे। ऐसी सुरक्षा रणनीतियों के माध्यम से, उत्तराखंड को एक सुरक्षित और समृद्ध स्थान बनाना संभव होगा।
बच्चों की सुरक्षा सर्वप्रथम है, और इसलिए इस दिशा में उठाए गए सभी कदमों की समय पर कार्यवाही होना आवश्यक है। अधिक अपडेट्स के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट asarkari.com पर जाएं।
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