छत्तीसगढ़ में टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आज से रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर में ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू

Aug 21, 2025 - 00:30
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छत्तीसगढ़ में टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आज से रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर में ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू
छत्तीसगढ़ में टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आज से रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर में ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू

छत्तीसगढ़ में टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आज से रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर में ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आज से रायपुर के शासकीय शिक्षा महाविद्यालय परिसर में ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य पदोन्नति पाने वाले प्राचार्यों को उनके नए स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करना है। यह काउंसिलिंग 23 अगस्त तक जारी रहेगी और इसमें कुल 845 नव-पदोन्नत प्राचार्य शामिल होंगे।

काउंसिलिंग के समय और प्रक्रिया

काउंसिलिंग की प्रक्रिया को दो पालियों में आयोजित किया जा रहा है। पहली पाली का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और दूसरी पाली का समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। प्रत्येक पाली में लगभग 150 प्राचार्यों को शामिल किया जाएगा ताकि सभी को उचित अवसर मिल सके। विशेष बात यह है कि काउंसिलिंग के अंतिम दिन, यानी 23 अगस्त को, जो प्राचार्य अनुपस्थित रह जाएंगे, उन्हें भी एक अंतिम अवसर मिलेगा।

नव-पदोन्नति की वास्तविकता और आशाएँ

नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए यह काउंसिलिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें नई जिम्मेदारियों के साथ-साथ अवसर भी प्रदान करती है। इस प्रकार की प्रक्रिया से न केवल प्राचार्यों का व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार भी संभव है। प्राचार्य अक्सर कठिनाईयों का सामना करते हैं और यह ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग उन्हें बेहतर तरीके से मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।

आगामी शिक्षा सुधार

शिक्षा मंत्री ने इस काउंसिलिंग प्रक्रिया की आवश्यकता और महत्त्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और सामंजस्य बनाना है।" सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से न केवल प्राचार्यों का विकास होगा, बल्कि स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी उन्नत होगा। इस काउंसिलिंग से यह आशा भी की जा रही है कि योग्य प्राचार्यों को उनके सही विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

निष्कर्ष

समग्र रूप से, छत्तीसगढ़ में टी-संवर्ग के नव-पदोन्नत प्राचार्यों के लिए आयोजित की जा रही ऑनलाइन ओपन काउंसिलिंग एक सकारात्मक पहल है, जो शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। सभी प्राचार्यों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए और अपने करियर को एक नई दिशा देनी चाहिए। इस काउंसिलिंग से भ्रांतियों और समस्याओं का समाधान संभव है, जो प्रैक्टिकल शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाएगा।

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लेखिका: सुमिता शर्मा, मीरा मेहता, एवं टीम asarkari

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