नैटो के सभी सदस्यों ने 2035 तक रक्षा और सुरक्षा पर खर्च बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की है
नैटो के सभी सदस्यों ने 2035 तक रक्षा और सुरक्षा पर खर्च बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की है
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उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नैटो) के सभी सदस्य देशों ने हाल ही में नीदरलैंड्स के हेग में आयोजित सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण संकल्प पर सहमति जताई है। इस संकल्प के अंतर्गत, सभी सदस्य देशों ने 2035 तक अपने रक्षा और सुरक्षा खर्च को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय वैश्विक सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है, जो सैन्य तैयारियों को और भी मजबूती प्रदान करेगा।
रक्षा खर्च का महत्व
नेताओं द्वारा जारी घोषणा पत्र में कहा गया है कि इस संकल्प में रक्षा क्षेत्र की प्रमुख आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3.5 प्रतिशत निवेश किया जाएगा। इससे नैटो का सामरिक ढांचा मजबूत होगा और सदस्य देशों की रक्षा क्षमताएँ भी बेहतर होंगी। विवेचना दिखाती है कि यह निवेश सामूहिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है।
सामरिक ढांचे की मजबूती
इस संकल्प के अंतर्गत, नेताओं ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की रक्षा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने सुरक्षा संबंधी खर्चों के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 1.5 प्रतिशत खर्च करने का निर्णय लिया है। नैटो प्रमुख मार्क रूट के अनुसार, इस वर्ष यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता का बजट पिछले 58 अरब डॉलर से बढ़ने की संभावना है, जो यह दर्शाता है कि सामूहिक सुरक्षा के प्रति सदस्यों की जिम्मेदारी बढ़ रही है।
यूरोप और कनाडा की भूमिका
मार्क रूट ने यूरोपीय देशों और कनाडा से अधिक योगदान की अपील की है। उन्होंने कहा कि रूस के द्वारा उत्पन्न वर्तमान और भविष्य के खतरे को देखते हुए, सभी सदस्यों को अपनी रक्षा औद्योगिक क्षमताओं का तेजी से विकास करना होगा। यह सिर्फ नैटो के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
सामूहिक सुरक्षा के नए आयाम
उदाहरण के तौर पर, कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नैटो के सदस्य देशों के बीच सहयोग और सहयोगिता बढ़ती है, तो सामूहिक सुरक्षा के नए आयाम खुल सकते हैं। इससे न केवल एकजुटता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक सुरक्षा की धारा को भी सामान्य दिशा मिलेगी।
इस प्रकार, नैटो के सभी सदस्यों द्वारा किया गया यह संकल्प न केवल वैश्विक राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का संकेत है, बल्कि यह सुरक्षा की दृष्टि से भी एक बड़ी उम्मीद का संचार करता है।
अंततः, सुविधा के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि करना और सामरिक ढांचे को मजबूत करना एक प्राथमिकता बन चुकी है। इसके लिए सदस्य देशों को एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्य करना होगा।
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