भारत का रक्षा निर्यात 2024 में हुआ 23 हज़ार करोड़ रुपये

Aug 9, 2025 - 18:30
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भारत का रक्षा निर्यात 2024 में हुआ 23 हज़ार करोड़ रुपये
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भारत का रक्षा निर्यात 2024 में हुआ 23 हज़ार करोड़ रुपये

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भारत का रक्षा निर्यात पिछले वर्ष 23 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है, जिससे देश की रक्षा क्षमता को और भी मजबूती मिली है। यह आंकड़ा एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DRDO) के सचिव और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान के शासी परिषद के अध्यक्ष, डॉ. समीर कामत ने यह जानकारी पुणे में आयोजित 14वें दीक्षांत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान साझा की।

दोगुना होने की उम्मीद

डॉ. कामत ने बताया कि अगले दो से तीन वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात दोगुना होने की प्रबल संभावना है। यह न केवल हमारे आत्मनिर्भरता की ओर संकेत करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे रक्षा उत्पादों की मांग को भी दर्शाता है। विशेष रूप से पश्चिम एशिया, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों में भारतीय रक्षा उपकरणों की भारी मांग है।

नवीनतम तकनीकों पर ध्यान

डॉ. कामत ने कहा कि भारत में उन्नत तकनीकों का विकास तेजी से हो रहा है। जैसे कि ब्रह्मोस मिसाइल के छोटे संस्करण और ज़ोरावर लाइट टैंक के विकास पर काम जारी है। यह प्रयास न केवल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए फायदेमंद है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी को मजबूत करेगा।

स्वदेशी हथियारों का महत्व

समारोह में डॉ. कामत ने ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित स्वदेशी हथियारों, आयुधों और उपकरणों से काफी मदद मिली थी। यह एक स्पष्ट संकेत है कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने ठोस कदम उठाए हैं।

उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना

मिसाइल और उपकरण उत्पादन में संपूर्ण आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, डॉ. कामत ने बताया कि रक्षा उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से 15 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। ये केंद्र हमारी रक्षा प्रौद्योगिकी में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देंगे।

इस प्रकार, भारत का रक्षा निर्यात न केवल हमारी सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारे उद्योग की पहचान बनाएगा। भविष्य में रक्षा क्षेत्र में निवेश और अनुसंधान से भारत को एक वैश्विक शक्ति बनने का अवसर मिलेगा।

अतः यह स्पष्ट है कि भारत में रक्षा निर्यात केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा और उद्योग की मजबूती का प्रतीक है।

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