स्कूल छोड़ गईं बेटियों को शिक्षा की धारा से फिर जोड़ें, बोले सीएम-प्रभावी प्रयास करने की जरूरत

स्कूल छोड़ गईं बेटियों को शिक्षा की धारा से फिर जोड़ें, बोले सीएम-प्रभावी प्रयास करने की जरूरत
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए कहा कि जिन बेटियों ने विद्यालय छोड़ दिया है, उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से पुनः जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यालयों में बालिकाओं के ड्रॉप आउट की दर को कम करने के लिए प्रभावी प्रयास करने पर जोर दिया है। यह बयान उस समय आया है जब शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और सशक्तिकरण की बातें जोरों पर हैं।
शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास
मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उनके द्वारा विकासित 'गेम चेंजर योजनाओं' पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि पहली, छठी और नवीं कक्षा में विद्यार्थियों के अधिकाधिक प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस संबंध में एक 'प्रवेशोत्सव' का आयोजन करके बच्चों को स्कूल में लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि विद्यार्थियों के कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "नवाचार की दिशा में नियमित कार्य किए जाने चाहिए ताकि छात्रों को एक बेहतर शैक्षणिक अनुभव मिल सके।" इसके अंतर्गत बुनियादी आवश्यकताओं जैसे किताबें, नोटबुक और स्कूल ड्रेस आदि को समय पर उपलब्ध कराने की बात भी कही गई।
बालिकाओं के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण
सुरक्षा और स्वच्छता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया। विद्यालों में बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों और सेनेटरी पैड की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही, विद्यालय भवनों की सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इससे बालिकाओं को स्कूल जाने में कोई बाधा न आएगी और वे सुरक्षित महसूस करेंगी।
शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में किताबी ज्ञान के साथ-साथ कला, रंगमंच और खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। विशेषकर 'फिट इंडिया' आंदोलन के संदर्भ में बच्चों को जागरूक करना जरूरी है। इसके साथ ही परीक्षा प्रणाली का सुधार भी आवश्यक है ताकि विद्यार्थियों की प्रतिभा को सही तरीके से सामने लाया जा सके।
इन सभी प्रयासों के तहत, शिक्षकों के रिक्त पदों को समय पर भरना भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और विद्यार्थियों को समुचित मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री धामी का यह प्रयास न केवल बेटियों को शिक्षा की धारा से जोड़ने का है बल्कि यह एक सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। उचित योजनाएँ और उनके कार्यान्वयन न केवल बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान देंगे। हमें उम्मीद है कि इन प्रयासों से भविष्य में शिक्षा में स्थायी सुधार देखने को मिलेगा।
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