भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं

Jul 14, 2025 - 18:30
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भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं
भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं

भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं

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विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने हाल ही में कहा है कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि पिछले नौ महीनों में दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में अच्छी प्रगति कर रहे हैं। इस प्रगति ने न केवल दोनों देशों के बीच मतभेदों को कम किया है, बल्कि सीमा पर तनाव के समाधान और वहां शांति बनाए रखने में भी मदद की है।

सकारात्मक दिशा की ओर कदम

श्री जयशंकर ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि सिंद्धांत की आधारशिला पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर रखी जा सकती है। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि भारत और चीन के बीच होने वाले यथार्थवादी संवाद से दोनों देशों को लाभ होगा। एक स्थिर और रचनात्मक रिश्ते का निर्माण न केवल भारत और चीन के लिए, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए फायदेमंद होगा।

बातचीत और सहयोग की आवश्यकता

उन्होंने बताया कि पहले ही यह तय किया गया है कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलना चाहिए, और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं ले जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश आपसी सामंजस्य को बनाए रखते हुए अपने संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाते रहें।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः प्रारंभ

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि इस साल भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने इस बात की सराहना की कि पांच वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की गई है। इस संदर्भ में चीन की मदद के लिए उन्होंने उनका धन्यवाद किया।

भविष्य का रास्ता

भारत-चीन संबंधों में सुधार की यह प्रक्रिया न केवल दोनों देशों की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को भी बढ़ावा देगी। आगामी वर्षों में, यह देखना रोचक होगा कि दोनों देश अपने संबंधों को और गहरा करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाते हैं।

अंत में, यह कहना उचित होगा कि भारत और चीन के बीच संवाद और सहयोग की आवश्यकता को पहचानते हुए, उन्हें एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए।

कुल मिलाकर, यह संबंध न केवल दो देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए भी योगदान कर सकते हैं।

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