चमोली : पंचायत चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारियों दिया प्रशिक्षण

चमोली : पंचायत चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारियों दिया प्रशिक्षण
गोपेश्वर (चमोली)। त्रिस्तरीय पंचायत को संपन्न कराने के लिए मंगलवार को पीठासीन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस महत्वाकांक्षी पहल का आयोजन उपजिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी की अध्यक्षता में किया गया। इस प्रशिक्षण में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तैनात पीठासीन अधिकारियों और सेक्टर मजिस्ट्रेट को शामिल किया गया।
प्रशिक्षण की विशेषताएँ
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और राजकीय इण्टर कॉलेज गोपेश्वर में आयोजित किए गए इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 920 पीठासीन अधिकारियों और 89 सेक्टर मजिस्ट्रेट शामिल हुए। प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया सुचारू और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि योग्य प्रशिक्षण से ही मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने कहा, "हम सभी शंकाओं का निराकरण करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी अधिकारी अपने कार्यों को पूरी जिम्मेदारी से संपन्न करें।"
मतदान प्रक्रिया की जानकारी
प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रशिक्षकों ने मतदान प्रक्रिया का सैद्धान्तिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। पीठासीन अधिकारियों को मतपेटियों को खोलने, बंद करने और मतदान की प्रक्रिया समझाने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस प्रक्रिया को समझने से अधिकारियों को चुनाव के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित परियोजना अधिकारी आनंद सिंह भाकुनी, प्रशिक्षक आत्म प्रकाश डिमरी, मनोज तिवारी, जयदीप झिंक्वाण, केसी पंत, खीम सिंह, दिगपाल रावत, चंदन पंवार, जेएस रावत सहित अन्य ने इसे सफल और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पंचायत चुनाव का महत्व
पंचायत चुनाव ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। ये चुनाव स्थानीय सरकारों के कार्यों और विकास योजनाओं को हैंडल करने में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि चुनाव निष्पक्षता से हों और सभी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
निष्कर्ष
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य केवल अधिकारियों को प्रशिक्षित करना नहीं, बल्कि पूरे चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इस प्रकार के आयोजनों से यह उम्मीद की जा सकती है कि आगामी पंचायत चुनाव न केवल दर्शकों के लिए, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक सुनहरा अवसर साबित होंगे।
गोपेश्वर जैसे छोटे शहरों में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम समुदाय की जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देते हैं। ऐसे कदमों से लोकतंत्र को मजबूत किया जा रहा है।
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