डीएम सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन की भिक्षावृति उन्मूलन टीम ने ऋषिकेश से 08 बच्चों को किया रेस्क्यू

डीएम सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन की भिक्षावृति उन्मूलन टीम ने ऋषिकेश से 08 बच्चों को किया रेस्क्यू
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देहरादून: आज जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने ऋषिकेश से 08 बच्चों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है। यह कार्य जिलाधिकारी सविन बंसल के निदेश पर किया गया है। ऋषिकेश में अक्टूबर 2024 से जून 2025 तक 12 बच्चे बाल श्रम और 17 बच्चे भिक्षावृत्ति में संलिप्त पाए गए थे। इस अभियान का उद्देश्य इन बच्चों को सुरक्षित एवं सशक्त बनाना है।
भिक्षावृत्ति और बाल श्रम का मुद्दा
भिक्षावृत्ति और बाल श्रम एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो हमारे समाज में व्याप्त है। यह बच्चों के विकास को सीमित करता है और उन्हें शिक्षा से वंचित करता है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन अब इस समस्या के खिलाफ एक ठोस कदम उठा रहा है। उनकी जानकारी के अनुसार, "हमारी प्राथमिकता इन बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उन्हें शिक्षा देने की है।"
पुलिस व प्रशासन का coordinated ऑपरेशन
जिला प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम ने माइक्रो प्लान के अंतर्गत, जनपद देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में पेट्रोलिंग की। टीम के पास विशेष वाहन भी हैं जो लगातार स्थानीय क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं। टीम ने रेस्क्यू किए गए बच्चों को आधुनिक इंटेसिव केयर सेंटर में भेजा है, जहां विशेषज्ञ उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर काम कर रहे हैं।
आधुनिक इंटेसिव केयर सेंटर का महत्व
आधुनिक इंटेसिव केयर सेंटर में ये बच्चे न केवल शिक्षा की मुख्यधारा में लौटते हैं, बल्कि उन्हें कम्प्यूटर, संगीत, योगा, गेम्स आदि जैसी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर भी मिलता है। सेंटर में अब तक 231 से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर मुख्यधारा में जोड़ा गया है। बच्चों का समुचित विकास करने के लिए यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भविष्य के लिए उत्साहजनक संकेत
इस नई पहल के तहत, इन बच्चों का शिक्षा में दाखिला कराया गया है और यह एक सकारात्मक संकेत है। यह पहल न केवल बच्चों के लिए बल्कि समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इस प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन्स आगे भी जारी रहेंगे ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इस सामाजिक बुराई से मुक्त किया जा सके।
निष्कर्ष
जिला प्रशासन का यह प्रयास निश्चित ही प्रशंसनीय है और इससे इन बच्चों के भविष्य में एक नई उम्मीद दिखती है। हमें एकजुट होकर ऐसे हर कार्य में प्रशासन का सहयोग करना चाहिए ताकि हम अपने समाज को इन बुराइयों से मुक्त कर सकें। उचित शिक्षा और संरक्षण के माध्यम से ही हम बच्चों को एक उज्जवल भविष्य दे सकते हैं।
इस यथार्थ को देखकर हर एक नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह इस प्रकार की गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाएगा।
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