धराली आपदा: मुश्किल हालत में लिम्चागाड़ में BRO ने तैयार किया बेली ब्रिज, पैदल आवाजाही शुरू

Aug 11, 2025 - 09:30
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धराली आपदा: मुश्किल हालत में लिम्चागाड़ में BRO ने तैयार किया बेली ब्रिज, पैदल आवाजाही शुरू
धराली आपदा: मुश्किल हालत में लिम्चागाड़ में BRO ने तैयार किया बेली ब्रिज, पैदल आवाजाही शुरू

धराली आपदा: मुश्किल हालत में लिम्चागाड़ में BRO ने तैयार किया बेली ब्रिज, पैदल आवाजाही शुरू

रैबार डेस्क: धराली में आई भीषण आपदा के बाद सड़क संपर्क स्थापित करने तथा रेस्क्यू एवं राहत कार्यों को गति देने में बड़ी सफलता मिली है। बेहद मुश्किल परिस्थितियों के बीच लिम्चागाड़ में ध्वस्त पुल की जगह बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया गया है। खराब मौसम, भारी बारिश और मुश्किल परिस्थितियों में सेना, ITBP, BRO, और SDRF के प्रयासों से 100 मीटर बेली ब्रिज तैयार हो गया है।

रेस्क्यू कार्यों में तेजी

आपदा के चलते गंगोत्री राजमार्ग पर गंगनानी से आगे आवागमन जल्द ही शुरू होगा। रेस्क्यू एजेंसियों को उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में गंगोत्री हाईवे पर सभी जगह सड़क दुरस्त करके आवागमन सुचारू हो जाएगा। इससे धराली में राहत एवं बचाव कार्यों में भी तेजी आएगी।

लिम्चागाड़ में स्थिति की गंभीरता

बता दें कि 5 अगस्त को धराली में भीषण आपदा के साथ भारी बारिश से गंगोत्री हाइवे भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। गंगनानी के पास लिम्चागाड़ में हाईवे का बड़ा हिस्सा वॉशआउट हो गया था। इससे न केवल धराली का संपर्क कट गया, बल्कि राहत और बचाव सामग्री पहुंचाने में भी कठिनाइयाँ आई। हर्षिल घाटी में संपर्क पूरी तरह से कट गया था, लोगों को भारी मुश्किलों के बीच पैदल ही सफर करना पड़ रहा था।

बेली ब्रिज का महत्व

लिम्चागाड़ में तभी से सेना, BRO, और अन्य एजेंसियां बेली ब्रिज निर्माण में दिन-रात जुटी थीं। रविवार को बेली ब्रिज तैयार किया गया है, जिसे पैदल आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। ट्रांजिट सुविधाओं का यह नया रास्ता ना केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत का माध्यम बनेगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं हेतु भी महत्वपूर्ण होगा। जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी, जिससे क्षेत्र में जीवन पुनः सामान्य हो सकेगा।

भविष्य की चुनौतियाँ

हालांकि इस बेली ब्रिज के निर्माण से स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन आगे भी मौसम की चुनौतियाँ बनी रहेंगी। स्थानीय प्रशासन तथा रेस्क्यू एजेंसियों को सतर्क रहना होगा ताकि भविष्य में फिर से ऐसी आपदाओं से निपटा जा सके। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं, जिससे हमें बेहतर पूर्वानुमान और तैयारी की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

धराली में बीते हुए ये दिन हम सभी के लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं। लेकिन BRO और अन्य टीमों की मेहनत व लगन ने हमें यह दिखाया है कि संकट में भी हम साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं। अब उम्मीद है कि बेली ब्रिज का निर्माण न केवल आज की जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य में भी आपदा प्रबंधन में सहायता करेगा।

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