डा अम्बेडकर माध्यमिक विद्यालय, हसूपुरा, रेंढर में पर्यावरण संरक्षण गोष्ठी और वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न : प्रबंधक रामशरण जाटव ने जीवन में वृक्ष के महत्व पर डाला प्रकाश

डा अम्बेडकर माध्यमिक विद्यालय, हसूपुरा, रेंढर में पर्यावरण संरक्षण गोष्ठी और वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
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उरई (जालौन)। जिले के नदीगांव ब्लॉक अंतर्गत हसूपुरा (रेंढर) स्थित डॉ. अंबेडकर माध्यमिक विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रबंधक व क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी रामशरण जाटव ने की।
वृक्षों का जीवन में महत्व
गोष्ठी को संबोधित करते हुए रामशरण जाटव ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए उतने ही आवश्यक हैं जितना कि जल और वायु। उन्होंने विद्यार्थियों, अभिभावकों और ग्रामवासियों को वृक्षों के महत्व के प्रति जागरूक किया। जाटव ने कहा, “यदि हम स्वस्थ और सुरक्षित जीवन चाहते हैं, तो प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए।” उनका मानना है कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है जिससे समाज और प्रकृति दोनों को बल मिलता है।
ग्राम प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी सराहनीय सहभागिता रही। मुख्य रूप से ग्राम प्रधान के.के. रजक, पूर्व प्रधान गजराज सिंह कुशवाहा, डॉ. कमल सिंह कुशवाहा, पूरन सिंह चौहान, राम रूप जाटव, रूप सिंह कुशवाहा, विमल कुमार द्विवेदी, बलबीर सिंह पाल, अशोक गहरी, पूजा कुशवाहा और सुरेश कुमार ने अपने-अपने विचार साझा किए और वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया।
वृक्षारोपण का महत्व
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत को प्रतीकात्मक और भावनात्मक रूप दिया गया। इस पहल से न केवल छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि सामाजिक स्तर पर हरियाली और स्वच्छता का संदे भी फैलेगा। रामशरण जाटव ने उपस्थित सभी को प्रेरित किया कि वह नियमित रूप से वृक्षारोपण और संरक्षण में भाग लें, ताकि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित और समृद्ध बना सकें।
सकारात्मक प्रभाव का वादा
इस आयोजन का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण करना नहीं, बल्कि ग्रामवासियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी था। यदि हम सभी मिलकर इस अभियान में योगदान दें, तो न केवल हमारा जीवन बेहतर होगा, बल्कि यह अगली पीढ़ी के लिए भी एक उपहार होगा। जाटव ने अपने संबोधन में सभी को यह समझाने की कोशिश की कि वृक्ष केवल पर्यावरण का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे हमारी जीवनशैली का भी अभिन्न अंग हैं।
निष्कर्ष
डा अम्बेडकर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित इस गोष्ठी और वृक्षारोपण कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि यदि हम सभी एकजुट होकर काम करें, तो पर्यावरण संरक्षण का सपना सच हो सकता है। विद्यालय की इस पहल के लिए सभी को प्रशंसा मिलनी चाहिए, और हमें इसे एक प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए।
इस कार्यक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और दायित्व भी महत्वपूर्ण है। हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और पर्यावरण की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए।
लेखक: सुषमा वर्मा, सोनाली गुप्ता, टीम asarkari
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