प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन की सराहना की

Aug 4, 2025 - 09:30
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन की सराहना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन की सराहना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला में बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन की सराहना की

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में गुजरात के कांडला स्थित बंदरगाह क्षेत्र में भारत के पहले मेक-इन-इंडिया हरित हाइड्रोजन संयंत्र के चालू होने को स्थिरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई यह परियोजना देश के नेट-ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर इस संयंत्र के बारे में जानकारी साझा करते हुए इसे एक सराहनीय प्रयास बताया, जो भारत के नेट-ज़ीरो दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करता है।

हरित हाइड्रोजन संयंत्र की विशेषताएँ

प्रधानमंत्री मोदी की मई, 2025 में भुज की यात्रा के दौरान 10 मेगावाट के हरित हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखी गई थी। अब यह संयंत्र चालू हो गया है, जिससे कांडला भारतीय बंदरगाहों में स्वदेशी हरित हाइड्रोजन सुविधा वाला पहला स्थान बन गया है। इस परियोजना से न केवल गुजरात की नवीकरणीय ऊर्जा और सतत बुनियादी ढाँचे में भूमिका को उजागर किया गया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

प्रोजेक्ट का उद्धाटन और उपयोगिताएँ

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस हरित हाइड्रोजन संयंत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तीव्र क्रियान्वयन के लिए डीपीए (दीना दयाल बंदरगाह प्राधिकरण) की प्रशंसा की। इस संयंत्र की स्थापना से भारत के समुद्री और लोजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में सहायता होगी। इसके अलावा, यह संयंत्र स्वदेशी तकनीक के माध्यम से हरित नवाचारों को भी बढ़ावा देता है।

भारत का नेट-ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन लक्ष्य

भारत ने अपने 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को रखकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए, भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और टिकाऊ औद्योगिक कार्य प्रणाली पर जोर दिया है। इस हरित हाइड्रोजन संयंत्र के संचालन से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्तीकरण मिलेगा और साथ ही, यह पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी सुनिश्चित करेगा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम न केवल भारत के हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि यह विश्व समुदाय को भी संदेश देता है कि भारत स्थिरता और हरित ऊर्जा की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहा है। इस संयंत्र के चलते, कांडला को हरित ऊर्जा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

तो दोस्तों, इस हरित हाइड्रोजन संयंत्र की उपलब्धियों और भारत के हरित ऊर्जा के सफर पर नजर रखने के लिए और अपडेट्स के लिए, [asarkari.com](https://asarkari.com) पर जाएं।

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