विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ बैठक की

Aug 17, 2025 - 00:30
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विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ बैठक की
विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ बैठक की

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ बैठक की

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हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने नई दिल्‍ली में दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना था। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ व्यापार, विनिर्माण, समुद्री सहयोग और लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।

बातचीत की मुख्य बातें

डॉ. जयशंकर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में उल्लेख किया कि इस बैठक में कई सार्थक विषयों पर बातचीत हुई। खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में नए संभावनाओं पर चर्चा की गई। उनमें भारतीय समृद्धि और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग को महत्वपूर्ण माना गया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान

बैठक के दौरान, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामरिक स्थिति और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। डॉ. जयशंकर ने इस क्षेत्र में सुरक्षा और शांति के महत्व को समझाया, जहां दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता है। पिछले 10 वर्षों में इन संबंधों को मजबूत करने के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण अवसर था।

दक्षिण कोरिया का आतंकवाद के प्रति कड़ा रुख

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून ने पत्रकारों से बातचीत में आतंकवाद के मुद्दे पर अपने देश के कड़े रुख का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनके देश ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ स्थिरता का समर्थन किया है। पुलवामा आतंकी हमले पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना और भारत के प्रति समर्थन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

समापन विचार

इस तरह की बैठकें भारत और दक्षिण कोरिया के बीच के संबंधों को और भी मजबूत बनाती हैं। यह न केवल व्यापार और आर्थिक सहयोग की दिशा में सहायक हैं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देती हैं। दोनों देशों के बीच की विशेष रणनीतिक साझेदारी के दस वर्ष पूरे होने पर, यह बैठक एक नई शुरुआत का संकेत देती है।

इस बैठक के परिणाम भारत के भविष्य के लिए आशाजनक हैं और हमें उम्मीद है कि यह द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगा।

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