उनासीवें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में, संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत ललित कला अकादमी के पूर्वोत्तर क्षेत्रीय केंद्र ने आज अगरतला में एक रैली निकाली
उनासीवें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में रैली, संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत ललित कला अकादमी का अनुठा कदम
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आज अगरतला में अगरतला ललित कला अकादमी के पूर्वोत्तर क्षेत्रीय केंद्र ने उनासीवें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य रैली का आयोजन किया। यह रैली "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत आयोजित की गई, जिसका प्रमुख आकर्षण त्रिपुरा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के 45 गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं की रैली थी। इस आयोजन ने क्षेत्रीय संस्कृति को संरक्षित करने और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।
रैली की विशेषताएँ
रैली में शामिल होने वालों ने न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के साथ मोटरसाइकिल रैली में भी भाग लिया। इस कार्यक्रम में कुल 45 गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनमें से 37 त्रिपुरा के तथा 8 अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के थे। इस रैली के मुख्य आकर्षण ने स्थानीय युवाओं को प्रेरित किया ताकि वे अपने स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को संरक्षित कर सकें और उन पर गर्व महसूस कर सकें।
कला अकादमी का महत्व
ललित कला अकादमी का यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी है, बल्कि यह स्वतंत्रता की भावना को भी जीवित करता है। अकादमी ने इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय संस्कृति की समृद्धि और स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को न केवल याद किया, बल्कि उनमें एक नई भावना, नवजीवन का संचार किया। जिन गुमनाम सेनानियों की प्रतिमाएँ इस रैली में प्रदर्शित की गईं, उनका योगदान हमारे इतिहास में अमूल्य है।
स्थानीय लोगों की भागीदारी
इस रैली में स्थानीय लोगों की भागीदारी ने आयोजन को और भी भव्य बना दिया। उन्होंने उत्साहपूर्वक अपने घरों से बाहर आकर तिरंगा झंडा लहराया और स्वतंत्रता की भावना को उजागर किया। यह दृश्य वास्तव में दिल को छू लेने वाला था, जिसने सभी को एक समान विचारधारा में बांध दिया।
निष्कर्ष
हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत यह रैली, केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह त्रिपुरा और पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विविधता और स्वतंत्रता की उपलब्धियों का एक प्रतीक था। इस प्रकार के आयोजन न केवल हमारे इतिहास को याद रखने में मदद करते हैं बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित भी करते हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे क्षणों का हिस्सा बनते हैं जो हमारी पहचान को मजबूती प्रदान करते हैं।
अंततः, यह रैली एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सम्पूर्ण प्रयास है।
स्वतंत्रता की इस भावना को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न आयोजन और पहल करने की आवश्यकता है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया visita करें: asarkari.com
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