दोहरे मतदान का आरोप लगाने वालों से सबूत मांगे गये तो नहीं मिला कोई जवाब : मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
दोहरे मतदान का आरोप लगाने वालों से सबूत मांगे गये तो नहीं मिला कोई जवाब : मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - asarkari
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि वह सभी राजनीतिक दलों के प्रति समान दृष्टिकोण रखता है और किसी भी दल के बीच भेदभाव नहीं करता। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।
निर्वाचन आयोग की स्थिति
श्री कुमार ने कहा कि कुछ लोगों ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया है, लेकिन जब उनसे इस संबंध में कोई ठोस सबूत मांगे गए, तो उनका कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने जोर देकर कहा कि न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता इन झूठे आरोपों से डरता है। यह बयान उनके द्वारा उस समय दिया गया जब चुनावी प्रक्रिया को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल बढ़ता जा रहा है।
बिना भेदभाव के चुनाव प्रक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिलाओं और युवाओं सहित सभी वर्गों के मतदाताओं के प्रति निडरता से खड़ा रहेगा। मतदान प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ-स्तरीय एजेंट तथा 20 लाख से अधिक पोलिंग एजेंट शामिल हैं। कुमार ने कहा कि इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में इतने सारे लोगों की मौजूदगी के बावजूद वोट चुराने की संभावना पर सवाल उठाना सरासर गलत है।
मतदाता सूची में सुधार की आवश्यकता
उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में गलतियों को सुधारने की मांग कर रहे हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण- एसआईआर अभियान की शुरुआत बिहार से हुई है, जहां मतदाता सूची का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। चुनाव आयुक्त ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सभी मतदाता और राजनीतिक दल निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रारूप मतदाता सूची में आवश्यक सुधार करने में अपना योगदान दे रहे हैं।
समुदाय का समर्थन
कुमार ने कहा कि जब बिहार के 7 करोड़ से ज़्यादा मतदाता निर्वाचन आयोग के साथ खड़े हैं, तो उसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग अपनी आधिकारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार के आरोपों का सामना कर सकता है।
निष्कर्ष
इन बयानों के साथ, मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इस दौरान, राजनीतिक दलों को भी समझने की जरूरत है कि आरोप लगाने से पहले ठोस सबूत पेश करना अनिवार्य है। केवल इस तरह से देश में लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकता है।
इस प्रकार, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की नकारात्मकता उसकी प्रक्रिया को नहीं प्रभावित कर सकती। हमें उम्मीद है कि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न होंगे।
Keywords:
double voting allegations, election commission statements, Gyanesh Kumar, Bihar voters, electoral process transparency, election scrutiny, political accountability, voter list corrections, constitutional duty, election fairness.What's Your Reaction?






