जनसामान्य को नदी संरक्षण से जोड़ने की सीएम धामी की पहल, सभी नदियों का ‘मां’ के समान आदर करने की अपील

जनसामान्य को नदी संरक्षण से जोड़ने की सीएम धामी की पहल, सभी नदियों का ‘मां’ के समान आदर करने की अपील
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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के मुख्य सेवक के रूप में अपने सफल चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि, शांति और प्रगति की कामना की। इस विशेष अवसर पर, उन्होंने नदियों के संरक्षण पर जोर दिया और सभी नागरिकों से अपील की कि हर नदी को ‘मां’ के समान सम्मान दें।
नदी संरक्षण की आवश्यकता
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि नदियां मात्र जल स्रोत नहीं हैं, बल्कि वे प्राचीन काल से समाज का अभिन्न हिस्सा रही हैं। इनका संरक्षण हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग जैसे वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नदियों के संरक्षण और संवर्धन को अत्यंत आवश्यक बताया।
नदियों की पूजा और समाज में उनका महत्व
मुख्यमंत्री ने बताया कि मां गंगा के प्रति हमारी श्रद्धा केवल धार्मिक गुणों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन से जुड़ी है। इस संदर्भ में, उन्होंने सभी आम नागरिकों से अपील की कि वे नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें। उन्होंने कहा, "नदियों को प्रदूषित न करने का संकल्प लें और उन्हें स्वच्छ बनाए रखने में योगदान करें।"
अवसर पर मौजूद गणमान्य लोग
इस अवसर पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम, सभापति कृष्ण कुमार शर्मा, स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि एवं अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। मां गंगा की पूजा विधिवत रूप से आचार्य अमित शास्त्री द्वारा संपन्न कराई गई। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक', राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, और अन्य जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
नदियों से सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का संरक्षण केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक विकास का भी जरूरी हिस्सा है। नदियों के आसपास बसने वाले समुदायों के जीवन में नदियों का एक विशेष स्थान है। इसीलिए, उन्होंने जनमानस को इनका सम्मान करने की अपील की।
नदी उत्सव का आयोजन
मुख्यमंत्री की इस अपील के तहत, राज्य में नदी उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान के जरिए, लोगों को नदियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है ताकि वे अपने जिम्मेदारियों का अहसास कर सकें।
समापन
मुख्यमंत्री धामी की इस पहल से न केवल नदी संरक्षण का संदेश फैलाने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे आने वाली पीढ़ियों को भी नदियों के महत्व का ज्ञान होगा। सभी नागरिकों से अपेक्षित है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और नदियों को 'मां' के समान आदर दें।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम निश्चित ही जनसंख्या को नदी संरक्षण से जोड़ने में यथार्थ साबित होगा।
लेखक: साक्षी, प्रियंका एवं टीम asarkari
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