केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में ट्रेन से टकराने के कारण 81 हाथियों के मारे जाने की सूचना मिली है

Jul 28, 2025 - 18:30
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केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में ट्रेन से टकराने के कारण 81 हाथियों के मारे जाने की सूचना मिली है
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में ट्रेन से टकराने के कारण 81 हाथियों के मारे जाने की सूचना मिली है

केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का बयान: ट्रेन से टकराने से 81 हाथियों की मौत

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केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हाल ही में लोकसभा में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में ट्रेन से टकराने के कारण 81 हाथियों के मारे जाने की सूचना मिली है। यह आंकड़ा ना सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि यह हम सभी से एक गंभीर प्रश्न भी करता है कि हम अपने वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।

ट्रेन से टकराने के घटनाक्रम

श्री सिंह ने अपने बयान में कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने रेल मंत्रालय के साथ मिलकर कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। इस मुद्दे को लेकर अंतर-मंत्रालयी बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि हाथियों के मारे जाने की घटनाओं को रोका जा सके। इसके तहत, हाथियों के आवासों में गति प्रतिबंध, भूकंपीय सेंसर पर आधारित हाथी पहचान जैसी पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

विशेष उपाय एवं प्राथमिकता क्षेत्रों की पहचान

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि 14 राज्यों में वन्यजीवों की गतिविधियों की तीव्रता के आधार पर 77 रेलवे खंडों को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें लगभग दो हजार किलोमीटर की रेलवे लाइनों का निरीक्षण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कदम से विशेष स्थलों की निगरानी भी की जाएगी, जो हाथियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करने में सहायक होंगे।

क्यों जरूरी है संरक्षण?

हाथियों का संरक्षण सिर्फ इन प्राणियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे वन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी आवश्यक है। हाथियों के बिना, जैव विविधता में कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, हाथियों का संरक्षण हमारे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है।

खतरे की घंटी

यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से इस बात का संकेत देता है कि संकट का समाधान तत्काल जरूरत है। हमें यह समझना होगा कि इंसान और जानवरों के लिए एक संतुलित सह-अस्तित्व आवश्यक है। ऐसे कार्यक्रमों का विकास किया जाना चाहिए जो जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ मानव गतिविधियों को भी संतुलित करें।

निष्कर्ष

केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह का यह बयान हमारे लिए एक चेतावनी है। हैंड्स-ऑन अप्रोच और धारणा परिवर्तन के माध्यम से ही हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। हमें न केवल सरकार के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए बल्कि स्थानीय समुदायों को भी जोड़कर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इस दिशा में कार्य करके ही हम अपने वन्यजीवों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य प्रदान कर सकते हैं।

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