बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - asarkari
लेखिका: साक्षी शर्मा, प्रिया कुमारी और राधिका वर्मा
टीम asarkari
परिचय
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही। इस समस्याग्रस्त स्थिति ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दिवालिया कर दिया, जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा नहीं हो सकी। लोकसभा तीन बार स्थगित हुई, जबकि राज्यसभा रविवार को एक बार स्थगित होने के बाद पूरे दिन के लिए बंद कर दी गई।
लोकसभा में हंगामा
जब लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी सांसद विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए। इस शोरगुल के बीच, लोकसभा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया। इसके पीछे की वास्तविकता यह है कि विपक्ष का मानना है कि मतदाता सूची में गहन पुनरीक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसे तात्कालिकता के साथ निपटाया जाना चाहिए।
विपक्ष की भूमिका
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "इस प्रकार के हंगामे से आम जनता को हमारी कार्यविधि के बारे में गलत जानकारी मिलती है।" शाम चार बजे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा का समान परिदृश्य
राज्यसभा में भी हंगामा देखने को मिला। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए मिली 20 स्थगन नोटिसों को खारिज कर दिया। इसके बाद, विपक्षी सदस्य विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर फिर से नारेबाजी करने लगे। उपसभापति ने उन्हें अपनी सीटों पर वापस जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की, लेकिन नतीजा वही रहा।
संसद की महत्वपूर्ण घोषणाएं
सुबह 11 बजे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में नए भाषाई अनुवाद की सुविधा के बारे में घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब कश्मीरी, कोंकणी और संथाली भाषाओं में भी अनुवाद की सुविधा उपलब्ध है, जिससे सदन अब संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी 22 भाषाओं में कार्य कर सकेगा।
निष्कर्ष
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर आज की संसद की कार्यवाही ने यह संकेत दिया कि राजनीतिक असहमति की तरह के मुद्दों को सुलझाने के लिए ठोस संवाद की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि सदन की कार्यवाही में सुधार लाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ काम करना होगा। इस स्थिति ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा कर पा रहे हैं।
Keywords:
Bihar, Voter List, Special Review, Parliament, Lok Sabha, Rajya Sabha, Political Disruption, Legislative Procedure, Indian Parliament, Election CommissionWhat's Your Reaction?






